ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लेखिका कृष्मा सोबती का निधन
नई दिल्ली: हिंदी साहित्य की मशहूर लेखिका कृष्णा सोबती का निधन हो गया। कृष्णा सोबती 93 साल की थी। लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार की सुबह एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लेखिका कृष्मा सोबती का जन्म 18 फरवरी 1925 को वर्तमान पाकिस्तान के एक कस्बे में हुआ था।
कृष्णा सोबती के उपन्यास ऐ लड़की और मित्रो मरजानी को हिन्दी साहित्य की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में शुमार किया जाता है।
कृष्णा सोबती हिंदी की सुप्रसिद्ध लेखिकाओं में से एक हैं। उन्हें 1980 में साहित्य अकादमी पुरस्कार और 1996 में साहित्य अकादमी अध्येतावृत्ति से सम्मानित किया गया है।
साल 2017 में कृष्णा सोबती को साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया। इसके अलावा, कृष्णा सोबती को उनके उपन्यास ‘जिंदगीनामा’ के लिए साल 1980 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। उन्हें 1996 में अकादमी के उच्चतम सम्मान ‘साहित्य अकादमी फैलोशिप’ से नवाजा गया था। इसके अलावा कृष्णा सोबती को पद्मभूषण, व्यास सम्मान, शलाका सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।