नई दिल्ली: JNU में देशविरोधी नारे लगाए जाने के मामले में कन्हैया कुमार समेत अन्य के खिलाफ बिना दिल्ली सरकार से मंजूरी लिए चार्जशीट दायर करने पर दिल्ली पुलिस को कोर्ट ने फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि जब तक दिल्ली सरकार चार्जशीट दायर करने की मंदूरी नहीं देती, तब तक हम इस पर संज्ञान नहीं लेंगे. कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट पर पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी, इस पर पुलिस ने कहा है कि वह दस दिनों के भीतर मंजूरी ले लेगी. गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 9 फरवरी 2016 में एक कार्यक्रम के दौरान कथित देशविरोधी नारे लगाए जाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. दरअसल, जेएनयू मामले में कन्हैया कुमार व अन्य के खिलाफ दायर चार्जशीट के लिए दिल्ली सरकार ने अब तक दिल्ली पुलिस को अनुमति नहीं दी है.

दिल्ली कोर्ट ने कहा कि आपके पास लीगल डिपार्टमेंट की मंजूरी नहीं है, तो फिर बिना मंजूरी के आपने चार्जशीट फाइल क्यों की? इस पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि हम दस दिनों के भीतर इसकी मंजूरी ले लेंगे. दरअसल देशद्रोह के मामले में CRPC के सेक्शन 196 के तहत जब तक सरकार मंजूरी नहीं दे देती, तब तक कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकता.

दरअसल, देशद्रोही मामले में दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के अनुमति लेनी होती है और यह दिल्ली सरकार का लॉ डिपार्टमेंट देता है. इतना ही नहीं, अनुमति लेने के लिए फाइल एलजी के पास भी जाती है. अगर परमिशन नहीं मिली तो चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान नहीं लेगा. बताया जा रहा है कि पुलिस ने जिस दिन चार्जशीट पेश की उसी दिन परमिशन के लिए अप्लाई किया था.

दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट सेक्शन-124 A,323,465,471,143,149,147,120B के तहत पेश की गई है. चार्जशीट में कुल 10 मुख्य आरोपी बनाए हैं जिसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य हैं. चार्जशीट में मुख्य आरोपी कन्हैया कुमार, अनिर्बान भट्टाचार्य, उमर खालिद, सात कश्मीर छात्र और 36 अन्य लोग हैं. चार्जशीट के मुताबिक कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे. गवाहों के हवाले से चार्जशीट में बताया गया है कि कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे. पुलिस को कन्हैया का भाषण देते हुए एक वीडियो भी मिला है. इसके साथ ही कहा गया है कि कन्हैया को पूरे कार्यक्रम की पहले से जानकारी थी. चार्जशीट में जिन सात कश्मीरी छात्रों के नाम हैं, उनसे पूछताछ हो चुकी है.

कन्हैया कुमार,उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य और 7 कश्मीरी छात्रों के नाम कॉलम नंबर 11 में रखे गए हैं. कॉलम नंबर 11 का मतलब ये होता है कि इन आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और इन पर केस चलाया जा सकता है. बाकी 36 लोगों के नाम कॉलम नंबर 12 में रखा गया है जिनमें डी राजा की बेटी अपराजिता और शहला राशिद भी शामिल हैं. कॉलम नंबर 12 का मतलब ये हैं कि ये आरोपी तो हैं लेकिन जांच में पुलिस को इनके खिलाफ सबूत नहीं मिले. कोर्ट चाहे तो इन्हें समन कर सकता है. देशद्रोह,दंगा भड़काना, अवैध तरीके से इकठ्ठा होना और साज़िश के आरोप में पेश होगी चार्जशीट .कुल 46 आरोपी हैं.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में सबूत के तौर पर घटना के वक़्त के कई वीडियो फुटेज, जो सीबीआई की सीएफएसएल (CFSL) में जांच के लिए भेजे गए थे और जिसके नमूने पॉजिटिव पाए गए थे, इसके अलावा मौके पर मौजूद कई लोगों के बयान, मोबाइल फुटेज, फेसबुक पोस्ट, बैनर पोस्टर शामिल हैं. वहीं जेएनयू प्रशासन, एबीवीपी के छात्र, सिक्योरिटी गार्ड, औऱ कुछ अन्य छात्र को भी इसमें गवाह बनाया गया है. इस मामले करीब 30 और लोग संदिग्ध पाए गए थे. लेकिन उनके खिलाफ सबूत नहीं मिले थे.

तय आरोपों के अनुसार कन्हैया को पूरे कार्यक्रम की जानकारी पहले से थी. सात कश्मीरी छात्रों जिनके नाम चार्जशीट में हैं. उनसे भी पूछताछ की जा चुकी हैं, पर इन्हें बिना गिरफ्तारी के चार्जशीट किया गया है. कुल 1200 पेज की चार्जशीट है. इस ममाले में 90 गवाह बनाए गए हैं.

आरोपी सभी कश्मीरी छात्र जामिया अलीगढ़ और जेएनयू के छात्र हैं. सबूत के तौर पर करीब 10 वीडियो क्लिप अहम सबूत हैं, जिनकी जांच CBI की CFSL में हुई थी. दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में गवाहों के बयानों के आधार पर यह बताया है कि कन्हैया ने देश विरोधी नारे लगाए लगाए थे. जो वीडियो मिले हैं उनसे ये पता चलता है कि कन्हैया वहां थे. जो वीडियो भाषण वाला है उसमें क्या है? ये साफ नहीं किया.