नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देशभर के 40 हजार कॉलेजों और 900 यूनिवर्सिटी में 10 फीसद आरक्षण का कोटा इसी शैक्षणिक सत्र से लागू कर दिया जाएगा. इसमें सरकारी और प्राइवेट, दोनों तरह के संस्थान शामिल हैं. हालांकि वर्तमान कोटे से कोई छेड़छाड़ नहीं होगा और यह 10 फीसद अतिरिक्त होगा. उन्होंने कहा कि यूजीसी, एआईसीटीई और अन्य अधिकारियों के साथ इसके लिए मीटिंग हुई और निर्णय लिया गया कि 10 फीसद के कोटे को 2019 से ही लागू करने के लिए तुरंत कॉलेजों-विवि को सूचित कर दिया जाएगा. साथ ही संसद को भी सूचना दी जाएगी. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दस फ़ीसदी आर्थिक आरक्षण के लिए कॉलेजों-यूनिवर्सिटी में 25 फ़ीसदी सीटें बढ़ाई जाएंगी, ताकि मौजूदा कोटे पर असर न पड़े. आपको बता दें सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दस फीसदी के आरक्षण के बिल को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है. इसी के साथ सरकार ने भी अधिसूचना जारी कर दी. जिससे बिल ने अब कानून का रूप ले लिया.

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय एक हफ्ते के भीतर आरक्षण के प्रावधानों से जुड़े नियम-कायदों को देगा अंतिम रूप. बता दें कि मोदी सरकार ने चुनावी सीजन में गरीब अगड़ों को दस प्रतिशत आरक्षण देने का बड़ा दांव चला. लोकसभा और राज्यसभा से इस बिल के पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे सामाजिक न्याय की जीत बताया और कहा कि यह देश की युवा शुक्ति को अपना कौशल दिखाने के लिए व्यापक मौका सुनिश्चित करेगा तथा देश में एक बड़ा बदलाव लाने में सहायक होगा. पीएम मोदी ने कई ट्वीट में लिखा, ‘‘खुशी है कि संविधान (124वां संशोधन) विधेयक पारित हो गया है जो सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराने के लिए संविधान में संशोधन करता है. मुझे देखकर प्रसन्नता हुई कि इसे इतना व्यापक समर्थन मिला.''