नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ‘हर घर रोशन’ करने वाला अपना सेल्फ टारगेट पूरा नहीं कर पाई। देश के 25 राज्यों में 2.39 करोड़ घरों में बिजली कनेक्शन लाने के बाद अभी भी चार राज्य ऐसे हैं जहां 10.5 लाख परिवार बिजली कनेक्शन से दूर हैं। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने एक बयान में सोमवार (31 दिसंबर, 2018) को इस बात की पुष्टि की है। जानना चाहिए कि बिजली मंत्री आरके सिंह नेनवंबर के अंत में कहा था कि सरकार अपने 31 दिसंबर के लक्ष्य को पूरा कर लेगी, जिसे तीन महीने पहले बढ़ा दिया गया था। ग्रामीण समुदाय में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए देश में पूर्ण ऊर्जा की पहुंच मोदी सरकार के प्रमुख सुधारों में से एक रही है। ग्रामीण इलाकों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बेरोजगारी के मुद्दे पर लोगों के असंतोष का सामना करना पड़ा है। ऐसे में देश के हर हिस्से में बिजली पहुंचाने के अभियान की कामयाबी मोदी और भाजपा के लिए एक राजनीतिक वरदान साबित होगी। उन्हें जल्द ही लोकसभा चुनाव का सामना करना है।

गौरतलब है कि साल 2014 में केंद्र की सत्ता में काबिज होने के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ग्रामीण इलाकों में बिजली मुहैया कराने के लिए कई टारगेट सेट किए। इसमें 2018 के आखिर तक हर घर को बिजली कनेक्शन के दायरे में लाना था। देशभर में हर घर को बिजली की पहुंच देने के बाद अगला टारगेट 31 मार्च तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति करना होगा। सितंबर 2017 में लगभग चार करोड़ घरों को मोदी सरकार ने बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा। ये लक्ष्य जो बाद में बदलता रहा। अब सरकार की तरफ से सोमवार को दिए बयान में कहा गया कि असम, राजस्थान, मेघालय और छत्तीसगढ़ राज्यों का विद्युतीकरण अभी बाकी है, इसमें 31 दिसंबर के लक्ष्य का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि ये राज्य भी इस लक्ष्य को यथाशीघ्र हासिल करने का समन्वित प्रयास कर रहे हैं।

इसके अलावा जिन राज्यों में सबसे तेजी से बिजली पहुंचाने का काम किया गया उनमें उत्तर प्रदेश सबसे अहम है। यूपी के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बिजली मंत्री आर के सिंह से मुलाकात कर उन्हें राज्य के सभी 100 फीसदी घरों तक बिजली पहुंचाने का डाटा पेश किया। इसमें मुताबिक देश में लागू सौभाग्य योजना के तहत राज्य के 74.4 लाख घरों को बिजली कनेक्शन दिए गए।