बांग्लादेश में हिंसक मतदान, 10 की मौत
ढाका : बांग्लादेश में संसदीय चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार सुबह मतदान शुरू होने के बाद हुई चुनावी हिंसा में 10 लोगों की मौत हुई है। सत्तारूढ़ अवामी लीग और विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी दोनों ही एक-दूसरे के समर्थकों और उम्मीदवारों पर हमले का आरोप लगा रहे हैं। सुबह आठ बजे मतदान शुरू होने के बाद राजधानी में ढाका सिटी सेन्टर कॉलेज में सबसे पहले प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वोट डाला। हसीना के रिश्तेदार एवं पार्टी सांसद फजले नूर तापस इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
हसीना ने कहा, 'उदारवादी बलों को जीत दिलाने के लिए लोग अवामी लीग के पक्ष में मतदान करेंगे।' एक ओर जहां हसीना चौथी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव लड़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर जेल में बंद उनकी चिर प्रतिद्वंदी खालिदा जिया का भविष्य अधर में लटका नजर आता है। सूचनाओं के मुतबिक जिया आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हैं।
इस बीच, देश में विभिन्न जगहों पर हुई चुनावी हिंसा में अधिकारियों ने पांच लोगों के मरने की पुष्टि की है। अपुष्ट सूचनाओं के अनुसार 10 लोगों की मौत हुई है, जिनमें तीन अवामी लीग के कार्यकर्ता हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, चुनावी हिंसा में 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। देश में रंगमती के कावखाली में सत्तारूढ़ अवामी लीग और विपक्षी बीएनपी समर्थकों के बीच झड़प में जुबो लीग के एक नेता की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए। 'जुबो लीग' अवामी लीग की युवा शाखा है।
'बीडीन्यूज24' की खबर के अनुसार, मृतक की पहचान जुबो लीग की घागरा यूनियन के महासचिव मोहम्मद बसीरुद्दीन के तौर पर हुई है। अवामी लीग के उप जिला महासचिव इरशाद मियां ने बताया कि घायलों को कावखाली उप जिला स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। समाचार पोर्टल के अनुसार, चटगांव में बीएनपी का कार्यकर्ता मारा गया, जबकि राजशाही में अवामी लीग के समर्थक की मौत हुई है। चुनावी हिंसा में अलग-अलग घटनाओं में दो राजनीतिक कार्यकर्ता मारे गए हैं।
चुनाव के मद्देनजर रविवार को एक महत्वपूर्ण बांग्लादेशी समाचार चैनल 'जमुना टीवी' का प्रसारण बंद कर दिया गया। टीवी स्टेशन के प्रधान संपादक फहीम अहमद ने कहा, 'केबल ऑपरेटरों ने बिना कोई स्पष्टीकरण दिए जमुना टीवी का प्रसारण बंद कर दिया।' उन्होंने कहा, 'हम कार्यक्रमों का प्रसारण कर रहे हैं, लेकिन ब्लैकआउट की वजह से बांग्लादेश में हमें कोई नहीं देख पा रहा है।'
हजारों सैनिकों और अर्द्धसैनिकों सहित छह लाख सुरक्षाकर्मियों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तैनात किया गया है। देश में 10.41 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं। सुरक्षा एजेंसियों से धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है, क्योंकि मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि 16 से 26 दिसंबर के बीच शरारती तत्वों ने हिन्दुओं के तीन घरों को जला दिया।
बांग्लादेश के टेलीकॉम नियामक ने रविवार मध्यरात्रि तक मोबाइल 3जी/4जी सेवा बंद करने का आदेश दिया है, ताकि चुनावों के दौरान अशांति फैलाने वाली अफवाहों से बचा जा सके। 1971 में पाकिस्तान से आजादी मिलने के बाद बांग्लादेश में यह 11वां आम चुनाव है। चुनाव आयोग के मुताबिक, 300 संसदीय सीटों में से 299 सीटों पर चुनाव हो रहा है जिसके लिए 1,848 उम्मीदवार मैदान में हैं। चुनाव के लिए 40,183 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं।