नेतृत्व में अपयश की जिम्मेदारी लेने की क्षमता भी होनी चाहिए: गडकरी
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे तीन हिंदी भाषी राज्यों में बीजेपी को मिली हालिया हार के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि 'नेतृत्व' को 'हार और विफलताओं' की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
अपनी साफगोई के लिए चर्चित भाजपा नेता ने कहा कि सफलता की तरह कोई विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता. गडकरी ने कहा, 'सफलता के कई दावेदार होते हैं, लेकिन विफलता में कोई साथ नहीं होता. सफलता का श्रेय लेने के लिये लोगों में होड़ रहती है, लेकिन विफलता को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, सब दूसरे की तरफ उंगली दिखाने लगते हैं.'
गडकरी यहां पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक असोसिएशन लिमिटेड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, 'नेतृत्व में अपयश की जिम्मेदारी लेने की क्षमता भी होनी चाहिए, क्योंकि इससे संस्था के साथ उनके रिश्ते मजबूत होते हैं.'
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने सहकारी बैंकों की खराब हालत पर कहा कि केंद्रीय बैंको को उनका साथ देना चाहिए. गडकरी ने सहकारी बैंकों के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक इंजन हो तो गाड़ी ठीक चलती है, लेकिन जब कई इंजन हो तो मुश्किल होती है.