नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा 10 एजेंसियों को कम्प्यूटर डाटा पर नजर रखने के आदेश को लेकर कांग्रेस नेता आनद शर्मा द्वारा गृह मंत्रालय से पूछे गए सवाल का वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिया है।

राज्य सभा में सदन के नेता अरुण जेटली ने निजता पर वार को लेकर कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिया गया आदेश कोई नया आदेश नहीं है। जेटली ने कहा कि 20 दिसंबर को सरकार द्वारा दिया गया आदेश साल 2009 से लागू हैं। और सरकार ने इस आदेश को बस दोहराया हैं।

अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस कंप्यूटर डाटा मॉनिटरिंग के आदेश में राई का पहाड़ बनाने का काम कर रही है।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने देश में किसी भी व्यक्ति या संस्था के कम्प्यूटरों के डेटा की जांच करने का अधिकार 10 प्रमुख खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को दे दिया है। सरकार ने ये आदेश देश की सुरक्षा को लेकर दिया है।

भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए इस आदेश के मुताबिक जांच एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कम्प्यूटर में स्टोर, ट्रांसमिट, जेनरेट या रिसीव किए गए डाटा को देख सकेंगी।

गृह मंत्रालय ने खुफिया एजेंसियों को ये अधिकार आईटी एक्ट की धारा-69 के तहत दिया है। कांग्रेस ने इस पर कहा कि अबकी बार मोदी सरकार ने निजता पर वार किया है।