टीम इंडिया के कोच की नियुक्ति में हुआ नियमों का उल्लंघन : डायना इडुल्जी
नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम के मुख्य कोच की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद की आंच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ-साथ पुरुष क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली तक पहुंच चुकी है। इस विवाद में प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य डायना इडुल्जी ने बीसीसीआई द्वारा महिला टीम के कोच की नियुक्ती के लिए बीसीसीआई द्वारा एड-हॉक समिति के गठन पर नाराजगी जताई है। इसी मामले में उन्होंने बीसीसीआई को आड़े हाथों लिया, जिसमें विराट कोहली भी फंस गए। ऐसे में पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी अनिल कुंबले का पिछले साल अचानक दिए गए इस्तीफे का विवाद भी फिर खड़ा हो गया है।
वेबसाइट 'ईएसपीएन' की रिपोर्ट के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त सीओए की सदस्य इडुल्जी का कहना है कि बीसीसीआई ने अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद रवि शास्त्री को भारतीय पुरुष टीम का कोच नियुक्त कर नियमों का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा कि विराट कोहली लगातार बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी को अनिल कुंबले के बारे में संदेश भेजते रहते थे, जिसके कारण उनको इस्तीफा देना पड़ा। उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई ने जब अनिल कुंबले को बताया कि कप्तान विराट कोहली उनके कोेचिंग के तरीके से खुश नहीं हैं, तो उन्होंने मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दे दिया।
इडुल्जी का यह पूरा गुस्सा भारतीय महिला क्रिकेट टीम की नियुक्ति के लिए बीसीसीआई द्वारा गठित की गई एड-हॉक कमिटि की घोषणा के बाद फूटा है। उनका कहना है कि अगर विराट कोहली की प्राथमिकता पर रवि शास्त्री को भारतीय पुरुष टीम का कोच बनाया जा सकता है, तो हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना की गुजारिश पर रमेश पोवार को महिला टीम के कोच पद पर बरकरार क्यों नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा, 'मुझे महिला खिलाड़ियों द्वारा रमेश पोवार के लिए अपील किए जाने पर कुछ गलत नहीं लगता। जब विराट कोहली के चाहने पर रवि शास्त्री को कोच बनाया जा सकता है, तो हरमनप्रीत और समृति के कहने पर रमेश पोवर को क्यों नहीं।'
उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम के साथ अनिल कुंबले का अनुबंध 2017 चैंपियंस ट्रॉफी तक था। लेकिन मई के अंत में बीसीसीआई ने अनिल कुंबले का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही मुख्य कोच के पद के लिए विज्ञापन जारी कर दिया। इसमें छह उम्मीदवारों के नामों की सूची थी, जिसमें अनिल कुंबले का नाम भी शामिल था। इस पूरी प्रक्रिया को सीओए और क्रिकेट सलाहाकार समिति (सीएसी) द्वारा देखा जा रहा था। सीएसी में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं। इसके बाद सीओए के आदेश पर सीएसी ने विराट कोहली से मिलकर मतभेदों को सुलझाने का सुझाव दिया, लेकिन वे इसमें नाकाम रहे।
सचिन, गांगुली और लक्ष्मण की सीएसी ने विराट कुंबले को ही भारतीय टीम के कोच पद पर बनाए रखने पर सहमति जाहिर की थी। लेकिन तभी बीसीसीआई ने कोच पद की उम्मीदवारी जाहिर करने की तारीख आगे बढ़ा दी और तब रवि शास्त्री ने इस पद के लिए आवेदन किया और उन्हें 2019 विश्व कप तक के लिए कोच पद पर नियुक्त कर दिया गया। इडुल्जी का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया गलत थी और इसके साथ ही उन्होंने विनोद राय द्वारा एड-हॉक कमिटि के गठन पर आपत्ति भी जाहिर की है। इस मामले में अब सीओए के प्रमुख विनोद राय और इडुल्जी में तनातनी बढ़ गई है। इडुल्जी जहां एक ओर रमेश पोवार को उनके पद पर बनाए रखने की कोशिश में हैं, वहीं विनोद राय इससे सहमत नहीं हैं।