यूपी: विरोधियों को फंसाने प्रत्यूष ने साथियों से खुद कराया था हमला
लखनऊ: भाजयुमो के पूर्व प्रदेश मंत्री प्रत्यूषमणि त्रिपाठी की हत्या नहीं हुई थी बल्कि उसने ही पुराने मामले के आरोपियों को फंसाने के लिए खुद पर चाकू से हमला कराया था। इस साजिश में उसने अपने पांच साथियों को शामिल किया था। महानगर पुलिस ने इन पांचों को गिरफ्तार किया तो यह सच सामने आ गया। पकड़े गए पांच लोगों में तीन आरोपी भाजपा कार्यकर्ता है।
इन आरोपियों ने बताया कि प्रत्यूष की साजिश में वह लोग शामिल नहीं हो रहे थे। पर, उसने कहा कि उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले दूसरे धर्म के लोग उसे मार डालेंगे। फिर उसे गनर भी चाहिए। इस साजिश से आरोपी गिरफ्तार भी कर लिए जायेंगे और उसे गनर भी मिल जायेगा। तीन दिसम्बर की रात जब उस पर चाकू से हमला किया गया तो वह ज्यादा तेज लग गया। घाव करीब आठ इंच का हो गया था, इस वजह से ज्यादा खून निकलने से ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इन पांचों के आरोपियों के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। पकड़े गए आरोपियों में सरोजनीनगर निवासी अनिल कुमार राणा, मड़ियांव निवासी आशीष अवस्थी, महेन्द्र गुप्ता, प्रभात कुमार उर्फ ऋषि और योगीनगर निवासी अमित अवस्थी उर्फ राजा शामिल हैं।
कैसरबाग के तालाब गगनी शुक्ल मोहल्ले में रहने वाले प्रत्यूषमणि त्रिपाठी तीन दिसम्बर की रात बादशाहनगर चौराहे के पास घायल अवस्था में मिले थे। ट्रॉमा सेंटर में उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में प्रत्यूष की पत्नी प्रतिमा ने सलमान, अदनान, शीबू, ध्रुव वर्मा और रोहित सिंह के खिलाफ महानगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करायी थी। इनमें सलमान, अदनान औरे शीबू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था हालांकि इन्हें प्रत्यूष से मारपीट के पुराने मामले में ही जेल भेजा गया था। दो आरोपी ध्रुव और रोहित फरार हैं। शुरू से ही पुलिस इन आरोपियों को निर्दोष मान रही थी क्योंकि इनकी लोकेशन घटनास्थल पर नहीं मिली थी।
पहला वार हल्का होने पर प्रत्यूष ने तेजी से मारने को कहा
आरोपियों में शामिल अनिल कुमार व आशीष ने पुलिस को बताया कि रात में प्रत्यूष के कहने पर सब लोग बादशाह नगर के पास इकठ्ठा हुए थे। यहीं पर पेट्रोल पम्प के साथ वाली सड़क पर सूनसान देख प्रत्यूष ने अनिल राणा से चाकू मारने को कहा। अनिल ने पहला वार किया जो प्रत्यूष की बांह पर लगा। इससे कम खून ही निकला। इस पर प्रत्यूष ने कहा कि ऐसी जगह पर वार करना है जहां पर लगे कि इस हमले से उसकी जान जा सकती थी। इस पर आशीष राणा ने सीने के पास तेजी से वार कर दिया। इस बार चाकू करीब आठ इंच गहराई तक घुस गया। प्रत्यूष दर्द से चीखा लेकिन तुरन्त ही खुद को संयमित कर लिया और बोला कि अब सब लोग जल्दी से जाओ। साथियों के जाते ही उसने खुद पर हमले की सूचना अपने परिवार व परिचितों को दी।
कुछ देर में ही पुलिस वहां पहुंच गई। प्रत्यूष को घायल हालत में ट्रॉमा ले जाया गया। पर, तब तक खून ज्यादा बह चुका था। हालांकि अस्पताल में भी उसने अपने साथियों के साथ कुछ देर बात की थी। दोस्तों का ही कहना था कि उसे दर्द बहुत हो रहा था। कुछ देर इलाज के बाद उसकी मौत हो गई थी। डॉक्टरों ने भी अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि खून ज्यादा बह जाने की वजह से उसकी मौत हुई है।