करतारपुर कॉरिडोर का ग़लत मतलब न निकाले पाकिस्तान
सुषमा ने पाक को चेताया, आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते
नई दिल्ली: पाकिस्तान स्थित करतापुर कॉरीडोर के उद्घाटन समारोह से पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दो टूक लहजे में कहा है कि इसके खुलने का आशय ये नहीं है कि इस कारण दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू हो जाएगी क्योंकि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते. उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार करतारपुर कॉरीडोर शुरू करने के लिए कई वर्षों से कह रही थी लेकिन पाकिस्तान ने अब जाकर सकारात्मक रुख अपनाया है. सुषमा स्वराज का बयान उन चर्चाओं के बीच आया है जिनमें कहा जा रहा है कि पाकिस्तान सार्क शिखर सम्मेलन के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण भेज सकता है. सुषमा स्वराज के बयान से स्पष्ट है कि भारत इस तरह के किसी भी आमंत्रण को स्वीकार करने के मूड में नहीं है.
उधर पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित गलियारे की नींव वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान बुधवार को रखने जा रहे हैं. इससे भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा मिल सकेगी. पाकिस्तान ने इस कार्यक्रम के लिए भारत के 25 पत्रकारों के समूह को आमंत्रित किया है. इसी कड़ी में कूटनीतिक गलियारे में चर्चा है कि करतारपुर कॉरीडोर के माध्यम से पाकिस्तान दोनों देशों के बीच रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने के लिए कोशिश कर सकता है. इसी कड़ी में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वह सार्क शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करेंगे.