लोकसभा संग्राम 27—चुनावी फ़िज़ाओं में ज़हरीली हवाओ को नही चला पा रही मोदी की भाजपा
भोपाल से तौसीफ़ क़ुरैशी
पाँच राज्यों में हो रहे विधानसभा के चुनावों में नागपुरिया सोच चुनावी फ़िज़ाओं में ज़हरीली हवाओ को चला पाने में नाकाम होती दिख रही है इन पाँच में दो राज्य ऐसे है जहाँ पिछले 15-15 सालों से सत्ता की कुंजी लिए बैठी है मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ये दोनों प्रदेश भाजपा के पास चले आ रहे है लेकिन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की चुनावी फ़िज़ा इस बार बदली-बदली सी नज़र आ रही है लगता है आम जनता इस बार मोदी की भाजपा से क़तरा रही है पंद्रह सालों के कार्यों से या तो दुखी हो गयी है या अब बस बदलाव करना चाहती है इसका अंदाज़ा राजधानी भोपाल से चलकर जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते जा रहे है हमें अहसास होता जा रहा है कि कैसे सत्ता की दहलीजो में सन्नाटा पसरा है बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों से चर्चा करने पर पता चलता है कि वह सरकार के जाने की नही आने वाली सरकार को लेकर विचार-विमर्श कर रहे है हमने सभी लोगों से सम्पर्क करने की कोशिश की और उनका मिज़ाज जाना और टटोला राहगीरों से लेकर नौजवान बच्चे , छोटे उधोगपतियो ,आटो ड्राइवर ,सभी लोगों का मानना है कि इसबार राज तिलक शिवराज सिंह चौहान का नही कांग्रेस के किसी नेता का होगा बल्कि वह तो नाम भी बता रहे है ज्योतिराजे सिंधिया का होगा। मघ्य प्रदेश की जनता अपने सियासी बदले मिज़ाज की गवाही दे रही है मध्य प्रदेश का चुनाव धीरे-धीरे अपने मुक़ाम पर पहुँच चुका है मोदी की भाजपा व कांग्रेस चुनाव के परिणाम अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताक़त लगा रहे है कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने एक ट्वीट कर एक घोषणा की कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो पुलिस को साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा और ड्यूटी के समय में भी कमी की जाएगी इसके साथ ही आवास भत्ता पाँच हज़ार कर दिया जाएगा इसका अर्थ हुआ एक पुलिसकर्मी को सालाना साठ हज़ार रू मिलेंगे पिछले पंद्रह सालों के शासन में भाजपा भी यह वादा तो करती थी पर किया कुछ नही वैसे भाजपा चुनाव जीतने के लिए ऐसे जुमले बोल देती है यह ज़रूरी नही कि हर जुमले को पूरा करे अब सवाल यह भी उठता है कि कांग्रेस भी तो चुनाव जीतने के बाद इसे जुमला या कुछ और कह सकती है उस पर क्यों भरोसा करे पुलिसकर्मी लेकिन एक दल पिछले पंद्रह सालों से वादा करता चला आ रहा है परन्तु कर नही रहा कांग्रेस अब वादा कर रही है इस पर भरोसा करने के अलावा कोई चारा नही है उसको परखे बिना यह नही कहा जा सकता है वह भी नही करेगी। पुलिस कर्मियों के लिए यह बड़ा तोहफ़ा ही कहा जा सकता है।दो दिन की चुनावी चकलस को देखने के बाद यही कहा जा सकता है कि इस बार कांग्रेस जहाँ भी चुनाव लड़ रही है वह बहुत ही मज़बूती के साथ लड़ रही हमने छत्तीसगढ़ में भी देखा और अब मध्य प्रदेश में भी देख रहे है।बदलते राजनीतिक मिज़ाज की गवाही चौपाले दे रही है जिस भी चौपाल पर जाते है कांग्रेस मज़बूती से झूट पर बनी सियासी ताक़त को हिलाती दिख रही है राजनीतिक चहल कदमी की मिसाल समझे जाने वाली राजनीतिक गलियारों की इमारतें भी मुस्तकबिल की इबारत बयां कर रही है हालाँकि अभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्मे का इंतज़ार है पर ऐसा नही लगता कि इस बार मोदी का करिश्मा कुछ असर करेगा एक टीवी चैनल की परिचर्चा में जिस तरह से लोगों ने मोदी को चोर के नारों से गोदी मीडिया का मंच गुंजा दिया और ज़बान चलाने व झूठे सपने दिखाने में माहिर संमित पात्रा को बोलने तक नही दिया बल्कि उसकी आवाज़ तक नही निकल रही थी और कांग्रेस व उसके समर्थक हावी हो रहे थे व गोदी मीडिया की एंकर चाहकर भी अपने शुभचिंतक की मदद नही कर पा रही थी क्योंकि वहाँ की हवा का मिज़ाज मोदी की भाजपा के ख़िलाफ़ था यही हाल पूरे मध्य प्रदेश का लग रहा है ऐसे में मोदी की भाजपा के पास बस एक ही फ़ार्मूला बचा है कि वह लोगों की धार्मिक भावनाओं को उभारने का प्रयास करे पर हालात देखकर नही लगता कि उसकी यह चाल अब काम करे क्योंकि जनता उन्हें समझ गई है कि किस तरह धार्मिक भावनाओं को उसने चुनाव जीतने का धन्धा बना लिया है करना कुछ नही धार्मिक आधार पर वोट लेकर ज़्यादा दिनों तक सत्ता में बने नही रहा जा सकता है इस बार वह फेल क्यों हो रही वह यह बहाना बना लेती थी कि हमारी सरकार केन्द्र में नही थी इस लिए हम कुछ नही कर पाए लेकिन इस बार वह यह बहाना भी नही बना पा रही है खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के क्षेत्र में 24 गाँवों के किसानों की इच्छामृत्यु की माँग चौहान के गले की फाँस बन रही है। दतिया , भिंड , शिवपुरी , गुना , सागर , छत्तरपुर , सतना व रीवा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभाओं में भीड़ न जुटना भी संकट के बादलों की गवाही देता है रही सही कसर सट्टा बाज़ार पूरी कर रहा है तीनों प्रदेश राजस्थान , मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने की बात हो रही है सट्टा बाज़ार में कांग्रेस का भाव कम होने की वजह से कांग्रेस की सरकार बनने की दलील को मज़बूती मिल रही है। कुछ भाजपा नेता दबी ज़ुबान से ये स्वीकार करते है कि इस बार पता नही क्यों हमारे मौसम के मिज़ाज में बदलाव दिख रहा है जनता मोदी की भाजपा से खिन्न सी लग रही है और राहुल गांधी की ओर उम्मीद भरी नज़रों से देख रही है कांग्रेस के दफ़्तर में मौजूद भीड़ बता रही है कि प्रदेश की सियासत का मिज़ाज कांग्रेस की ओर है अब यह तो परिणाम आने के बाद तय होगा कौन प्रदेश की सियासी शूरमा होगा और कौन प्रदेश की सियासत में मात खाएगा।