राम एससी एसटी होते तो भाजपा मंदिर निर्माण हेतु अध्यादेश लाती: बहुजन विजय पार्टी
लखनऊ। विपक्षी दल मोर्चा संयोजक एवं बहुजन विजय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव चन्द्र ने आज आरोप लगाया कि भाजपा जान-बूझकर राम मंदिर पर अध्यादेश नहीं ला रही, उसे पता है कि राम मन्दिर मुद्दा ही भाजपा की असली ताकत है तथा मन्दिर बनने से यह मुद्दा खत्म होते ही भाजपा की दशा अन्य पार्टियों जैसी हो जायेगी।
बहुजन विजय पार्टी अध्यक्ष केशव चन्द्र ने आज लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा की रूचि अयोध्या मुद्दे को टालने में है। किसी भी कीमत पर वह अभी लोकसभा चुनावों के पूर्व इस प्रकरण का हल निकालने के बजाय वह केवल इसकी आड़ में जनभावनाओं को भड़कायेगी। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रकरण के बूते प्रदेश से केन्द्र तक सत्तारूढ़ हो चुकी भाजपा के पास अन्य कोई भी ऐसा ताकतवर मुद्दा नहीं है। भाजपा केवल राम मन्दिर प्रकरण के भरोसे है तथा भीतर-भीतर वह राम मन्दिर प्रकरण को पूरी तरह टालने के मूड में है क्योंकि देश की करोड़ों जनता की भावनायें इस प्रकरण से जुड़ी हैं और इन्हें ही कैश करके भाजपा बार-बार सत्तारूढ़ होना चाहती है जैसा कि उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या ने गत दिनों भाजपा को 50 सालों तक लगातार सत्ता में रहने की बात कही थी जिसका सीधा सा अर्थ है कि भाजपा अगले 50 सालों तक मन्दिर मुद्दे का टालने की फ़िराक में है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा अपनी पूरी ताकत लगाकर अगर मन्दिर नहीं बना सकी तो इसका कारण उसकी कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति है। राम एससी एसटी नहीं थे, अगर राम एससी एसटी होते तो भाजपा कबका अध्यादेश ला चुकी होती जैसा कि दलित वोटों के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदलकर भाजपा सरकार ने एससी एसटी एक्ट थोपने की व्याकुलता दिखाई या सरदार पटेल के मामले में भाजपा ने बड़ा निर्णय लिया। श्रीराम क्षत्रिय थे अतः भाजपा कभी भी अध्यादेश नहीं लायेगी।
उन्होंने कहा कि वास्तव में भाजपा मंदिर बनवाना ही नहीं चाहती अन्यथा फिर उसकी सरकारें कैसे बनेंगी ? उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं की स्थिति तो प्रधानी का चुनाव जीतने तक की नहीं थी, मंदिर प्रकरण ने कई बार भाजपा की सरकारें बनवायीं किन्तु सरकारें जान-बूझकर मन्दिर नहीं बनाना चाहतीं।
केशव चन्द्र ने दावा किया कि भाजपा के पास राम मन्दिर के अलावा कोई मुद्दा भी नहीं है। वह केवल राममन्दिर प्रकरण के भरोसे है। धर्मसभा का आयोजन इस विषय में जनमत का पता लगाने के लिए किया गया है। जनता की रूचि का पता होते ही भाजपा कोई न कोई बहाना बनाकर इस मुद्दे को फिर टालना चाहेगी क्योंकि उसे पता है कि मन्दिर मुद्दा खत्म होते ही भाजपा दो कौड़ी की पार्टी हो जायेगी तथा इसके बड़े-बड़े सूरमा सभासदी व प्रधानी का चुनाव भी नहीं जीत पायेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मुद्दों से खुद भटक चुकी भाजपा देशवासियों को धीमा जहर दे रही है तथा श्रीराम की शिक्षाओं का अपमान कर रही है।