नरेन्द्र कोहली सर्वोदय सम्मान से अलंकृत
मुशायरे व पुरस्कार वितरण से हुआ पुस्तक मेले का समापन
लखनऊ। मोती महल लान में दो जनवरी से चल रहा लखनऊ पुस्तक मेला रविवार सम्मान समारोह नाटिका श्सवाल दर सवाल्य व मुशायरे के साथ अगले वर्ष तक के लिए विदा हो गया। मेले में आज विख्यात रचनाकार डा.नरेन्द्र कोहली को सर्वोदय साहित्य सम्मान से अलंकृत किया गया। अंतिम दिन सुबह से ही पुस्तक प्रेमियों की भीड़ रही। समापन समारोह से पहले अंतिम दिन आज दिव्यांश पब्लिकेशन की ओर से डा. नरेन्द्र कोहली को अंगवस्त्र, स्मृतिचिवन और 11 हजार की राशि देकर अलंकृत किया गया। सम्मान ग्रहण करते हुए डा. कोहली ने कहा कि देश को स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत बनाने के लिए नई पीढ़ी को डिग्री दिलाने के साथ ही उन्हें सुशिक्षित भी करना होगा। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जब अमेरिका गए तो वहां उन्होंने कहा कि पश्चिम के देशों से मेरा अनुरोध है कि भारत में वह धर्म प्रचार के लिए पादरी न भेजें, यदि भेजना ही चाहते हैं तो वैज्ञानिक और इंजीनियर भेजें, क्योंकि हमारे देश में धर्म इतना समृद्ध है कि हम दुनिया को दिशा दे सकते हैं, परंतु विज्ञान के मामले में हम बहुत कमजोर हैं। कोहली ने कहा कि देश में बच्चों को विज्ञान के प्रति रुचिवान बनाने की जरूरत है। मातृभाषा, संस्कृति और हिन्दी के प्रति संस्कार जाग्रत करने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बिना पढ़े लिखे कोई भी भाषा नहीं आती। हम हिन्दीभाषी हैं पर हिन्दी सीखते नहीं, हम भाषा को भ्रष्ट कर रहे हैं। इस अवसर पर पूर्व प्रसाशनिक अधिकारी आर.के.मित्तल, रामकृष्ण मठ के प्रमुख स्वामी मुक्तिनाथानन्द आदि लोग उपस्थित थे।