राम मंदिर पर हिन्दुओं की भावनाओं को समझे सुप्रीम कोर्ट: भय्या जोशी
नई दिल्ली: अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई जनवरी तक टलने के बाद से राम मंदिर को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है। गुरूवार को जहां बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने इस पर प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात कही तो वहीं आज आरएसएस ने इस मामले पर आंदोलन करने का इशारा दे दिया है। संघ के सह सरकार्यवाह भैय्या जी जोशी से प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब सवाल किया गया कि जिस तरह 1992 में आंदोलन किया गया था क्या उस तरह आंदोलन किया जाएगा इस मुद्दे पर?
इस पर उन्होंने जवाब दिया कि राम मंदिर को लेकर पिछले 30 साल से आंदोलन चल रह है अगर जरूरत पड़ी तो हम फिर आंदोलन करेंगे। भैय्या जी ने कहा, राम सबके हृदय में रहते हैं पर वो प्रकट होते हैं मंदिरों के द्वारा। हम चाहते हैं कि राम मंदिर बने। काम में कुछ बाधाएं अवश्य हैं और हम अपेक्षा कर रहे हैं कि न्यायालय हिंदू भावनाओं को समझ के निर्णय देगा। उन्होंने कहा, समाज में सबकी इ्च्छा यही है कि राम मंदिर बने।
भैया जोशी ने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के उस टिप्पणी पर भी सवाल उठाया जिसमें उच्चतम न्यायालय ने कहा था की उसकी प्राथमिकताएं अलग हैं | भैया जोशी ने कहा कि सुपरमे कोर्ट की इस टिप्पणी से हिन्दू समाज वेदनामय है और स्वयं को अपमानित महसूस कर रहा है , कोर्ट को भी हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फैसला सुनाना चाहिए। कोर्ट के फैसले में देरी हो रही है लेकिन हमें यकीन है कि कोर्ट हमें न्याय देगा।
भैय्या जी जोशी का ये बयान, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मुलाकात के बाद आया है। गुरूवार रात करीब दो बजे मोहन भागवत और अमित शाह ने मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में राम मंदिर निर्माण से लेकर लोकसभा चुनाव तक के मुद्दों पर चर्चा हुई है।
राहुल गाँधी के खुद को बेहतर हिन्दू बताने और आरएसएस को उनसे हिंदुत्व सीखने के पूछे गए सवाल पर भैया जोशी ने कहा कि राहुल गाँधी की बातों को हम लोग गंभीरता से नहीं लेते | सबरीमाला विवाद पर भैया जोशी बोले कि संघ महिलाओं के मंदिरों में प्रवेश का समर्थक है लेकिन कुछ मंदिरों की अपनी परम्पराएं हैं उनपर पालन होना भी बहुत ज़रूरी है |