हरसिंगार सूंदर फूलों का पौधा ही नहीं दवा भी है
अर्थराइटिस, सूजन और एलर्जी में अत्यंत लाभकारी है हरसिंगार
फूलों में सिर्फ सौंदर्य नहीं होता, बल्कि ये फूल ढेर सारे प्राकृतिक तत्वों से भरे होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। हरसिंगार के खूबसूरत बेहतरीन खुश्बू से भरे फूल आपने भी देखे होंगे मगर क्या आप जानते हैं कि ये फूल कई रोगों और परेशानियों में काम आ सकते हैं। जी हां, हरसिंगार का केवल फूल नहीं बल्कि इसकी पत्तियां और जड़ भी बहुत फायदेमंद है। आयुर्वेद में इन्हें कई बड़ी बीमारियों का इलाज बताया गया है। दरअसल इसके पत्तों में टेनिक एसिड, मैथिल सिलसिलेट और ग्लूकोसाइड होता है ये सभी तत्व औषधीय गुणों से भरपूर हैं। आइए आपको बताते हैं किन परेशानियों और रोगों में आपके काम आ सकता है खूबसूरत हरसिंगार।
हरसिंगार की चाय
हरसिंगार की चाय बनाने के लिए इसकी दो पत्तियां और एक फूल के साथ तुलसी की कुछ पत्तियां लीजिए और इन्हें 1 गिलास पानी में उबालें। जब यह अच्छी तरह से उबल जाए तो इसे छानकर गुनगुना या ठंडा करके पी लें। आप चाहें तो स्वाद के लिए शहद या मिश्री भी डाल सकते हैं। यह खांसी में फायदेमंद है।
सूजन को दूर करता है हरसिंगार
शरीर की बाहरी सूजन को हम कई तरीकों से ठीक कर सकते हैं लेकिन भीतरी सूजन कई बार बहुत खतरनाक हो सकती है। हरसिंगार के फूल सूजन को दूर करने में मदद करते हैं क्योंकि इनमें एंटीएंफ्लेमेट्री गुण होते हैं। इसके लिए आपको सप्ताह में दो बार हरसिंगार के पत्तों का काढ़ा पीना चाहिए। इससे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर में होने वाला किसी भी प्रकार का संक्रमण समाप्त हो जाता है। इसके अलावा ये सूजन को अंदर से खत्म करता है।
अर्थराइटिस में है फायदेमंद
अर्थराइटिस एक गंभीर समस्या है, जिसके कारण जोड़ों में दर्द और सूजन आ जाती है। इसके कारण रोजमर्रा के कामों में परेशानी आती है। जोड़ों के दर्द की समस्या से बचने के लिए आप हरसिंगार का प्रयेाग कर सकते हैं। हरसिंगार के पांच पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें, इस पेस्ट को एक गिलास पानी में मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं। जब पानी आधा रह जाये तब इसे पीने लायक ठंडा करके पियें। इस काढ़े का सेवन सुबह खाली पेट करें। इससे वर्षों पुराने अर्थराइटिस के दर्द में भी निश्चित रूप से लाभ होता है।
फ्री रेडिकल्स को रोकता है हरसिंगार
फ्री रेडिकल्स के निर्माण के कारण हमारा शरीर ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पाता है और फ्री रेडिकल्स शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में एंटी ऑक्सीडेंट्स कारगर होते हैं। हरसिंगार में मौजूद प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाली हानि से बचाते हैं।
पाइल्स को भी करता है ठीक
पाइल्स यानी बवासीर के लिए हरसिंगार के बीज रामबाण औषधि की तरह काम करते हैं। इसके एक बीज का सेवन प्रतिदिन करने से बवासीर ठीक हो जाता है। या हारसिंगार के बीज 10 ग्राम तथा कालीमिर्च 3 ग्राम को मिलाकर पीस लें और चने के बराबर आकार की गोलियां बनाकर खायें। रोजाना 1-1 गोली गुनगुने जल के साथ सुबह-शाम खाने से बवासीर ठीक होती है। यदि गुदाद्वार में सूजन या मस्से की समस्या है तो हरसिंगार के बीजों का लेप बनाकर गुदे पर लगाने से लाभ मिलता है।
साइटिका के दर्द में भी है फायदेमंद
दो कप पानी में हरसिंगार के 5-6 पत्तों के छोटे-छोटे टुकड़े करके डालकर, इस पानी को धीमी आंच पर आधा रह जाने तक पकाएं। ठंडा हो जाने पर इसे छानकर पियें। इस काढ़े को दिन में दो बार यानी प्रात खाली पेट एवं शाम को भोजन के एक डेढ़ घंटा पहले पियें। इस प्रयोग से सायटिका रोग जड़ से चला जाता है। इस काढ़े का प्रयोग कम से कम 8 दिन तक अवश्य करना चाहिए।