अमृतसर हादसा: ड्राइवर बोला, लगाए थे इमरजेंसी ब्रेक लेकिन…
अमृतसर: अमृतसर रेल हादसे पर अभी तक यही तथ्य सामने आया है कि जालंधर-अमृतसर पैसेंजर ट्रेन की चपेट में लोग ज्यादा हताहत हुए. डीएमयू के लोको पायलट पर आपातकालीन ब्रेक का इस्तेमाल नहीं करने के आरोप लग रहे हैं. हालांकि, ड्राइवर ने अपने बयान में इसका खंडन किया है. ड्राइवर का कहना है कि उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाए थे लेकिन वह हादसा नहीं टाल पाया. ड्राइवर ने यह भी दावा किया है कि हादसे के बाद उसने ट्रेन रोकी था लेकिन बाद में यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आगे अमृतसर की ओर बढ़ गया.
ट्रेन ड्राइवर ने दावा किया, "कर्व (घुमावदार रूट) के कारण ट्रैक पर मौजूद भीड़ नहीं दिखाई थी. जब उसने आपातकालीन ब्रेक लगाने की कोशिश की थी लेकिन ट्रेन रुकने से पहले काफी लोग उसकी चपेट में आ गए. ट्रेन की रफ्तार 90 किमी/घंटा थी जब हादसा हुआ. जब ट्रेन रुकी तो स्थानीय लोगों ने ट्रेन पर हमला करना शुरू कर दिया था."
उधर, डीआरएम विवेक कुमार ने हादसे पर कहा, "मैं किसी पर दोषारोपण नहीं कर रहा हूं लेकिन केवल आत्मविश्लेषण कर सकता हूं कि रेलवे इस हादसे को कैसे टाल सकता था. हमारा मानना है कि ट्रेन ड्राइवर ने गति को नियंत्रित करने की कोशिश की लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका. जब ट्रेन रुकी तो लोगों ने उस पर हमला कर दिया इसलिए ट्रेन ड्राइवर ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए उसे अमृतसर की ओर ले गया."
जालंधर-अमृतसर डीएमयू के ड्राइवर ने भीषण हादसे के बाद अगले स्टेशन पर स्टेशन मास्टर को हादसे की जानकारी दी थी. रेल अधिकारियों का कहना है कि लोको पायलट को जब आभाष हुआ कि कई लोग ट्रेन की चपेट में आ गए हैं तो उसने तत्काल इस जानकारी अमृतसर स्टेशन मास्टर को दी. अधिकारी ने बताया कि हादसे के कारण को सुनिश्चित करने के लिए ड्राइवर का बयान दर्ज किया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि हादसे के बाद जालंधर-अमृतसर (पठानकोट सहित) रूट पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है.
शुक्रवार शाम करीब 700 लोग ग्राउंड पर रावण दहन कार्यक्रम के लिए मौजूद थे. करीब 10-15 सेकंड में ट्रेन के गुजरने के बाद चीख-पुकार मच गई. ज्यादातर लोगों को ट्रेन की आवाज नहीं सुनाई दी क्यों कि उस समय पटाखों का शोर था. वीडियो क्लिप में साफ दिखाई दे रहा है कि जब ट्रेन ट्रैक पर आई तो लोगों ने भागने की कोशिश की लेकिन कई लोग उसकी चपेट में आ गए.
जोड़ा फाटक के पास हुई रेल दुर्घटना की जगह पर भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए शनिवार को पंजाब पुलिस के कमांडो और त्वरित कार्यबल के जवानों की तैनाती की गई. हादसे में 61 लोगों की जान चली गई. ये लोग रेल पटिरयों के पास बने मैदान में दशहरा पर्व के अवसर पर रावण दहन कार्यक्रम देख रहे थे. हादसे के वक्त वहां कम से कम 300 लोग मौजूद थे.