अब मुंबई की हीरा कंपनी ने ICICI को लगाया करोड़ों का चूना
नई दिल्ली: आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड ने मुंबई स्थित हीरा कंपनी श्रीनुज एंड कंपनी के 11 अधिकारियों के खिलाफ कथित तौर पर बैंक को धोखा देने के लिए अमेरिकी अदालत का दरवाजा खटखटाया है। ब्याज और कानूनी फीस के अलावा उनसे 12 मिलियन डॉलर (लगभग 88.50 करोड़ रुपये) वसूलने की मांग की है। 4 अक्टूबर को दायर की गई बैंक की याचिका में कहा गया है कि मुंबई स्थित श्रेनुज, जो वर्तमान में दिवालिया प्रस्ताव से गुजर रही है, ने अपनी अमेरिकी सहायक कंपनी साइमन एंड गोलब एंड संस (एसजी) और संयुक्त अरब अमीरात में सेल कंपनियों के माध्यम से फंड को डायवर्ट कर दिया है। आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी न्यूयॉर्क शाखा के माध्यम से प्रमोटर विशाल दोशी और श्रीनुज के 10 अन्य अधिकारियों और अन्य कंपनियों जो कि पार्टी ट्रांजेक्शन से संबंधित है, पर रैकेटियर इन्फ्लुएंस्ड और करप्ट संगठन (आरआईसीओ) अधिनियम के तहत न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिला न्यायालय में मामला दायर किया है।
बैंक की लॉ फर्म सभरवाल और फिंकेल एलएलसी की तरफ से दायर याचिका में कहा कि “प्रतिवादी (11 अधिकारी) सह-षड्यंत्रकारियों के रूप में एक साथ काम करते हैं, जो भारत से अमेरिका में संयुक्त अरब अमीरात तक दुनिया भर में फैले हुए और धोखाधड़ी गतिविधियों के पैटर्न में बार-बार आरआईसीओ उल्लंघन में लगे हुए हैं। आईसीआईसीआई बैंक का दावा है कि लोन सुविधाओं को बढ़ाने और बनाए रखने के लिए श्रीनुज ने एसजी और संयुक्त अरब अमीरात की शेल कंपनियों का उपयोग किया। श्रीनुज ने फर्जी कंपनियों के माध्यम से 2 जुलाई 2008 से 31 मार्च 2016 तक काफी ट्रांजेक्शन कीं।
याचिका के मुताबिक, श्रीनुज की यूएस सहायक एसजी ने 2008 में 20 मिलियन डॉलर के लिए क्रेडिट सुविधा समझौता किया था। मार्च 2016 तक, एसजी ने आईसीआईसीआई बैंक को 18.8 मिलियन डॉलर का भुगतान किया था। इनमें से 3.6 मिलियन डॉलर क्रेडिट लेटर के रूप में और 15.2 मिलियन डॉलर रिवॉलविंग क्रेडिट फेसेलिटीज के रूप में था। रिवॉल्विंग क्रेडिट या लोन सुविधा के तहत लेनदाता निर्धारित अवधि के दौरान कभी कर्ज अदायगी कर सकता है। हालांकि, इसके लिए लेनदाता को कमीशन का भुगतान करना होता है। आईसीआईसीआई बैंक के मुताबिक, मई 2016 में एसजी ने बैंक को एक फाइनेंसल स्टेटमेंट दिया जिससे पता चला कि यह इन दायित्वों को चुकाने की स्थिति में नहीं थी।