# me too: आरोपों से MJA का इंकार, करेंगे क़ानूनी कार्रवाई
चौदह महिला पत्रकारों ने लगाए हैं यौन शोषण के आरोप
नई दिल्ली: केन्द्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। एमजे अकबर ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही है। बता दें कि इससे पहले एमजे अकबर पर # me too मूवमेंट के तहत 10 महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। आरोपों के वक्त एमजे अकबर विदेश दौरे पर थे और आज ही भारत वापस लौटे थे। एमजे अकबर के भारत लौटने पर जब पत्रकारों ने उन पर लगे यौन शोषण के आरोपों पर जवाब मांगा तो उन्होंने इस पर बाद में बयान देने की बात कही थी। अब यह साफ हो गया है कि एमजे अकबर फिलहाल इस्तीफा नहीं देंगे। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव के कुछ महीने पहले ही क्यों यह तूफान उठ रहा है? क्या ये कोई एजेंडा है? इस झूठे आरोपों से मेरी इमेज को काफी नुकसान हुआ है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उनपर लगे छेड़छाड़ के आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं अब मैं वापस लौट आया हूं और मेरे वकील अब इस मामले को देखेंगे और उसके बाद भविष्य की कानूनी कार्रवाई पर फैसला किया जाएगा। एमजे अकबर ने कहा कि झूठ के पैर नहीं होते, लेकिन उसमें जहर होता है, जो कि उन्माद फैला सकता है। यह बेहद निराशाजनक है।
बता दें कि 8 अक्टूबर को महिला पत्रकार प्रिया रमानी ने एमजे अकबर पर संपादक रहने के दौरान यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसके बाद एक-एक कर 14 महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर अबतक इसी तरह के आरोप लगाए। आरोप लगाने वाली महिलाओं में एक विदेशी महिला पत्रकार भी शामिल हैं। बहरहाल महिला पत्रकारों के आरोपों के बाद विपक्षी पार्टियों ने एमजे अकबर के इस्तीफे के लिए सरकार पर दबाव बनाना शुरु कर दिया था। हालांकि सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी थी। लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा में भी एक तबका एमजे अकबर के इस्तीफे के समर्थन में था।
इस मुद्दे पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही लेना था और इसी लिए एमजे अकबर के विदेश दौरे से लौटने का इंतजार किया जा रहा था। भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था। हालांकि केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने यौन शोषण का खुलासा करने वाली महिलाओं का जरुर समर्थन किया था। हालांकि उन्होंने अपने बयान में एमजे अकबर का नाम नहीं लिया था। बता दें कि देशभर में #Me Too मूवमेंट के जरिए कई महिलाएं अपने साथ पूर्व में हुए यौन दुर्व्यवहार का खुलासा कर चुकी हैं। जिसमें कई नामी हस्तियों पर आरोप लग चुके हैं। एमजे अकबर के अलावा अभिनेता आलोकनाथ, गायक कैलाश खेर, फिल्म निर्देशक सुभाष घई, साजिद खान और बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी आदि के नाम भी मी टू मूवमेंट के दौरान आरोपियों के तौर पर सामने आए हैं।