किसानों को सरकार के आश्वासन स्वीकार नहीं, जारी रखेंगे प्रदर्शन
नई दिल्ली: ऋण माफी और स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने समेत कई मांगों को सरकार से मनवाने के लिए हरिद्वार से किसान पदयात्रा पर जबरदस्ती राजधानी दिल्ली की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे हजारों की तादाद में आए किसानों के ऊपर मंगवार की सुबह लाठीचार्ज, हवाई फायरिंग और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इस घटना के बाद किसान यूनियन के प्रतिनिधि और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बीच किसानों की मांगों को लेकर व्यापक चर्चा हुई। वहीं, भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन स्वीकार नहीं करेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे।
गृहमंत्री से किसान नेताओं की बैठक के बाद संवाददाताओं के सामने आए केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा- "गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किसान के नेताओं से मुलाकात की और उनकी मांगों पर चर्चा कर ज्यादातर मुद्दों पर आपसी सहमति बनी। यूपी के मंत्री लक्ष्मी नारायण जी, सुरेश राणा जी और मैं किसानों से मिलने जाऊंगा। उन्होंने कहा कि अब किसानों के जनप्रतिनिधियों से इस बारे में चर्चा करेंगे।
वहीं, राजनाथ ने भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत से फोन पर बात की। मानी गई मांगों में एमएसपी पर कानून, कृषि से जु़ड़ी वस्तुओं पर जीएसटी (अब यह पांच फीसदी होगा), एनजीटी कमिटी का गठन, गन्ना किसानों की मांग जल्द से जल्द पूरी हो और इंश्यूरेंस से जुड़े बिल में बदलाव शामिल है।"
इससे पहले, राजधानी दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ ही पानी की बौछारें और हवाई फायरिंग की गई और प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली-यूपी सीमा के पास से तितर-बितर कर दिया गया। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले अपनी 15 सूत्री मांगों को सरकार से मनवाने के लिए हरिद्वार से नौ दिन पहले चले किसान मंगलवार की सुबह से राजधानी दिल्ली घुसने के लिए अमादा है।
वे दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर करीब 20 हजार की संख्या में डटे हुए थे। उधर, दूसरी तरफ इन किसानों को रोकने के लिए भारी संख्या में दिल्ली से लगती सीमा के पास पुलिसबल को तैनात किया गया। साथ ही, कई जगहों पर धारा 144 भी लगाई गई।