नई दिल्ली: विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे का बचाव करते हुए कहा है कि दो सरकारों के बीच होने वाले करारों में भागीदार का चयन सरकार नहीं, बल्कि उपकरण बनाने वाली कंपनी करती है.

दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास में शनिवार शाम को भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि अगर फ्रांस की कंपनी दसॉ एविएशन को भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की एयरोनॉटिकल कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ‘उपयोगी’ नजर नहीं आई तो इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, 'जो बात उठ रही है वह यह कि एचएएल को क्या हुआ. मैं व्यंग के लहजे में कहूं तो दसॉ को एचएएल उपयोगी नहीं लगती है, इस बात पर हमें हल्ला नहीं करना चाहिए.'

पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, 'उपकरण बनाने वाली कंपनी यह तय करती कि ऑफसेट किसे देना है. ऐसे में यह फैसला दसॉ का था, क्योंकि दसॉ इस करार में उपकरण बनाने वाली कंपनी है. कई चीजों के लिए उन्होंने विभिन्न कंपनियों का चयन किया. अनिल अंबानी उनमें से एक हैं.'

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अप्रैल, 2015 को पेरिस में फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ बैठक करके 36 राफेल जेट लड़ाकू विमानों की खरीद की घोषणा की थी. इस सौदे को अंतिम रूप 23 सितंबर, 2016 को दिया गया.

इस मामले में विवाद ने उस समय जोर पकड़ा जब ओलांद ने फ्रांसीसी मीडिया को दिए बयान में कहा कि भारत सरकार ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस का नाम प्रस्तावित किया था और फ्रांस के पास कोई और विकल्प नहीं था.

वीके सिंह ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि एचएएल के ऊपर पहले से ही काफी काम का बोझ है और उसे कई काम करने होते हैं. 'हो सकता है कि दसॉ ने उनके साथ बातचीत की हो. कहा जा रहा है कि एचएएल के साथ बातचीत 95 प्रतिशत पूरी हो गई थी. ऐसे में पांच प्रतिशत का क्या हुआ. यह वार्ता कैसे टूट गई.'

विदेश राज्यमंत्री ने दावा किया कि यूपीए सरकार द्वारा 126 विमानों की खरीद के लिए जिस कीमत की बात की गई थी, उसमें और उड़ान की स्थिति में इस विमान की कीमत में करीब 40 प्रतिशत की कमी है. उन्होंने कहा जब सुरक्षा से संबंधित उपकरणों की खरीद की बात आती है तो गोपनीयता प्रावधान लागू होता है. एयरोनॉटिकल, राडार, हथियार प्रणाली और हथियार आपूर्ति प्लेटफार्म के बारे में अगर खुलासा कर दिया जाएगा. तो यह जानकारी दुश्मन जान जाएगा, इसलिये इन सौदों को गोपनीय रखा जाता है.

वीके सिंह ने इस मामले में विपक्ष की भूमिका की आलोचना की है. उन्होंने कहा, आखिरकार कुछ समय बाद यह धुआं छट जाएगा, क्योंकि यहां कोई आग ही नहीं लगी.