कानपुर: ललितपुर में केंद्रीय मंत्री उमा भारती के कार्यक्रम से लौटे एसडीएम ने राइफल से गोली मारकर जान दे दी। पत्नी का कहना है कि वह बीमार बेटे के इलाज को लेकर काफी परेशान चल रहे थे। एसडीएम अपने घर मुरादाबाद तबादले के लिए प्रयास कर रहे थे पर कहीं भी नहीं सुनी गई। इस दौरान उन्हें छुट्टी भी नहीं मिल पा रही थी। जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो खुदकुशी कर ली। पुलिस ने घटनास्थल से मिले एसडीएम के तीनों मोबाइल और अन्य सामान जब्त कर जांच शुरू कर दी है

मड़ावरा तहसील के एसडीएम हेमेंद्र कांडपाल (48) की रविवार को सैदपुर ग्राम पंचायत में दीवान विक्रम सिंह के घर उमा भारती के कार्यक्रम में ड्यूटी लगी थी। कार्यक्रम निपटने के बाद वह फसल नुकसान का जायजा लेने के लिए लेखपाल शिवशंकर और कृषि अधिकारियों के साथ गंगचारी व सौंरई ग्राम पंचायत चले गए थे। वहां से लौटकर अपने सरकारी आवास आ गए। रसोई में कर्मचारी धनीराम खाना पका रहा था। इस बीच एसडीएम किसी से फोन पर बात करने लगे और तेजी से सुरक्षा में तैनात होमगार्ड संतोष के पास पहुंचे। उससे सरकारी राइफल और कारतूस मांगे। संतोष ने टोका तो हेमेंद्र झल्ला पड़े। घबराकर संतोष ने राइफल और कारतूस दे दिए। राइफल लेकर हेमेंद्र अपने कमरे में पहुंचे और कनपटी पर गोली मार ली, मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

गोली चलने की आवाज सुनकर धनीराम, चालक महेंद्र और दोनों होमगार्ड दौड़कर कमरे में पहुंचे तो नजारा देख उनके होश उड़ गए। एसडीएम का रक्तरंजित शव जमीन पर पड़ा था। गोली सिर को फाड़ते हुए निकल गई थी। फर्श खून से सनी और रायफल शव के ऊपर पड़ी थी। आनन-फानन में मड़ावरा पुलिस के साथ आला अफसरों को घटना की सूचना दी गई। अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह, तहसीलदार मड़ावरा, एसडीएम महरौनी समेत भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। कुछ ही देर में डीएम मानवेन्द्र सिंह, एसपी ओपी सिंह भी आ गए। धनीराम व होमगार्डों से पूछताछ की गई। पुलिस ने राइफल, हेमेंद्र के मोबाइल और कमरे से कुछ चीजें कब्जे में ले लीं, जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। अधिकारियों ने मुरादाबाद फोन कर हेमेंद्र के परिजनों को जानकारी दी।

मुरादाबाद की टीडीआई सिटी में रहने वाले हेमेंद्र कांडपाल 1996 में लोक सेवा आयोग से चयनित होकर नायब तहसीलदार बने थे। 2017 में पीसीएस पद पर प्रोन्नति हुई थीं। दो माह पहले ही मड़ावरा उप जिलाधिकारी पद की जिम्मेदारी संभाली थी।

तेजतर्रार अधिकारियों में शुमार हेमेंद्र कुमार के परिवार में पत्नी, एक बेटी व बेटा हैं। मड़ावरा में उनका परिवार साथ नहीं रहता था। उनके मिलने-जुलने वाले अफसरों और कर्मचारियों के मुताबिक उनका बेटा मानसिक रूप से दिव्यांग है जिसके इलाज को लेकर वह काफी चिंतित रहते थे।

आत्महत्या से कुछ देर पहले एसडीएम के मोबाइल पर एक फोन आया था जिस पर बात करने के बाद वह थोड़ा परेशान दिख रहे थे। उनके घर में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि फोन पर बात करने के बाद ही वह होमगार्ड के पास राइफल मांगने पहुंचे थे। पुलिस तीनों मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाकर जांच कर रही है।