नई दिल्ली: असम सरकार में शामिल असम गण परिषद ने नागरिक संशोधन बिल 2016 के मुद्दे पर समर्थन वापसी की धमकी दी है. असम सरकार में मंत्री अतुल बोरा ने कहा है कि फिलहाल परिषद सरकार के साथ है लेकिन अगर केंद्र ने संसद में नागरिक संशोधन बिल 2016 (Citizen Amendment Bill 2016 ) पास कर दिया तो हम राज्य सरकार के साथ अपना समर्थन वापस ले लेंगे.

बता दें केंद्र का 'नागरिक संशोधन बिल 2016' बिल विवादों में घिर गया है. इस का उत्तर-पूर्व के राज्यों में विरोध हो रहा है. दरअसल इस बिल के मुताबिक बांग्लादेश, पाकिस्तान के अल्पसंख्यक नागरिकों को भी आसानी से नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है. पूर्वोत्तर के राज्यों में इस बिल के विरोध में आंदोलन कर रही पार्टियों का कहना हैं कि इससे एक गलत परंपरा शुरू होगी. असम में असम गण परिषद जोर-शोर के साथ इस बिल का विरोध कर ही है.

बता दें असम में बीजेपी ने असम गण परिषद के समर्थन से सरकार बनाई थी. यहां 2016 में हुए चुनाव में बीजेपी ने राज्य की 126 सीटों में से 60 पर जीत हासिल की थी. लेकिन सरकार बनाने के लिए जरूरी 64 सीटों के लिए बीजेपी को असम गण परिषद से समर्थन लेना पड़ा था.

हाल ही में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) इस बिल पर तमाम पक्षों की राय जानने के लिए उत्तर पूर्व के दौरे पर गई थी जिसके बाद यह मामला फिर से तूल पकड़ गया है. बता दें संसद ने इस बिल को जेपीसी को सौंप दिया था. 2016 में यह बिल केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद संसद में पेश किया गया था.