नई दिल्ली: राजस्थान के अलवर जिले में बहुचर्चित फलाहारी बाबा यौन शोषण के मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या (1) राजेन्द्र शर्मा की अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने फलाहारी बाबा को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

बता दें कि अदालत में मंगलवार को दोनों पक्षों की अंतिम बहस पूरी हो गई थी, जिसके बाद न्यायाधीश ने फैसले के लिए बुधवार का दिन तय किया था. इससे पहले 15 सितंबर को अंतिम बहस शुरू हुई थी और कोर्ट में सरकारी वकील की ओर से पीड़िता के पक्ष में बहस के बाद बचाव पक्ष की ओर से उसके वकील ने बहस की.

बहस के दौरान सरकारी वकील ने कहा था कि पीड़िता आरोपी कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी बाबा को पिता तुल्य मानती थी. बाबा द्वारा पीड़िता के साथ जो कृत्य किया गया, उसके पर्याप्त साक्ष्य और गवाह मौजूद हैं.

यौन शोषण के आरोपी कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी बाबा के बयान पिछले महीने 30 तारीख को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या-1 राजेंद्र शर्मा की अदालत में बयान दर्ज किए गए थे. इस दौरान फलहारी बाबा से कोर्ट ने 88 सवाल किए. जवाब में फलहारी बाबा ने अपने आप को निर्दोष बताया था.

अपर लोक अभियोजक योगेंद्र सिंह खटाना ने बताया कि बुधवार को अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से दर्ज करवाए गए 30 अभियोजन साक्ष्यों की गवाही के आधार पर आरोपी के बयान दर्ज किए. कोर्ट ने लिखित रूप में 24 पेजों में तैयार किए गए 88 सवालों के जवाब आरोपी फलाहारी बाबा से मांगे. इस दौरान आरोपी फलाहारी बाबा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि वह निर्दोष है.

उल्लेखनीय है कि मामले में पिछले दिनों कोर्ट ने फलहारी बाबा से 88 सवाल किए थे. जवाब में फलहारी बाबा ने अपने आप को निर्दोष बताया था. इससे पहले मामले में 9 मार्च, 2018 को पीड़िता के बयान दर्ज हुए थे और इसके बाद जिरह हुई थी.