अब लखनऊ से जारी होंगे पूरे यूपी के DL
लखनऊ: परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने व्यवस्था में बदलाव करने जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत पूरे प्रदेश भर में ड्राइविंग लाइसेंस लखनऊ में प्रिंट होंगे और यहीं से ही हर जनपद में आवेदकों के घर के पते पर भेजे जाएंगे। सात से दस दिन के भीतर डीएल पहुंचाने का दावा किया जा रहा है। डीएल की डिलेवरी होते ही आवेदक के मोबाइन नंबर पर एसएमएस आएगा। डीएल नहीं मिलने पर काल सेंटर फोन करके डीएल नंबर के साथ शिकायत दर्ज कराने की सुविधा सुबह आठ से शाम छह बजे तक होगी।
वर्तमान में स्मार्ट कार्ड में डीएल जारी करने की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था निक्सी के पास है। जिसका सात नवंबर को अनुबंध समाप्त हो रहा है। इसके पहले टेंडर प्रक्रिया को पूरा करके नई व्यवस्था को लागू किया जाएगा। परिवहन विभाग ने इस संबंध में गुरुवार को तमाम शर्तों के साथ 96 पन्नों का नया टेंडर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। टेंडर फार्म भरने की अंतिम तारीख 11 अक्तूबर होगी। नया टेंडर लेने वाली कंपनी लखनऊ से डीएल डिलेवरी की नई व्यवस्था लागू करेगी। इसके अलावा डीएल आवेदन के प्रपत्रों की जांच आरटीओ कर्मी नहीं बल्कि एजेंसी के कर्मचारी करेंगे।
लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस हो या परमानेंट। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद आवेदक को फार्म के साथ 22 रुपये का डाक टिकट लगा हुआ लिफाफा लगाना पड़ता था। नई व्यवस्था के तहत आवेदकों को फार्म के साथ लिफाफा लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस व्यवस्था से आवेदकों के पैसों की बचत होगी।
आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक दिन में डाटा परिवहन आयुक्त कार्यालय पहुंचेगा। दूसरे दिन डीएल ऑल इंडिया रजिस्ट्रर में दर्ज होगा। तीसरे दिन डीएल मुख्यालय से जारी होगा। अगले चार दिनों के अंदर डीएल आपके घर के पते पर पहुंच जाएगा। इस बीच आपका पता बदल जाता है तो हेल्पलाइन नंबर पर डीएल का नंबर सहित नया पता दर्ज कराने पर पुन: डीएल भेजा जाएगा।
सात से दस दिन के अंदर डीएल नहीं पहुंचने की शिकायत पर कंपनी पर जुर्माना लगेगा। टेंडर में प्रति डीएल प्रतिदिन दस रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा। ये जुर्माना कंपनी को दिए जाने वाले भुगतान में से काट लिया जाएगा। और कंपनी को पुन: आवेदक के पते पर डीएल की डिलिवरी करनी होगी।
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पी गुरु प्रसाद ने बताया कि डीएल आवेदकों को राहत देने के लिए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में कई बदलाव किए जा रहे हैं। इससे आवेदक को आने वाले दिनों में बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही आरटीओ ऑफिस के कर्मचारियों पर भी बोझ कम होगा। एक अक्टूबर को प्री बिड बैठक में कई और फैसले लिए जा सकते हैं।