नई दिल्ली; बिहार में नीतीश कुमार के सुशासन को इन दिनों किसी की नजर लग गई है। बता दें कि बिहार में इस वक्त अपराधियों का बोलबाला है। आंकड़ों की बात करें तो पिछले 11 महीने के दौरान बिहार में हर दिन 8 हत्याएं हो रही हैं। बिहार में महागठबंधन सरकार के मुकाबले जदयू-भाजपा गठबंधन की सरकार में अपराधों का ग्राफ बढ़ा है। गुरुवार को एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ बेखौफ अपराधियों ने बिहार के बेगूसराय में एक किसान की गोली मारकर हत्या कर दी। बीते दिनों बेगूसराय में ही 3 लोगों की भी हत्या कर दी गई थी।

मृतक की पहचान आर्यानंद सिंह के रुप में हुई है, जो कि बेगूसराय के मटियानी थाना क्षेत्र के सिहमा गांव का निवासी था। अपराधियों ने गुरुवार को डुमरी गांव में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद अपराधी मौके पर अंधाधुंध फायरिंग करते हुए मौके से आसानी से फरार हो गए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। बेगूसराय में कानून व्यवस्था के खस्ताहाल पर वहां के लोगों में गुस्सा है। बता दें कि नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार में अपराधों का आंकड़ा पेश किया है। एक आंकड़ा नवंबर, 2015 से जुलाई 2017 तक का है। इस दौरान बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार थी। वहीं दूसरा आंकड़ा अगस्त, 2017 से जून, 2018 तक का है, जब बिहार में जदयू-भाजपा की गठबंधन सरकार है।

आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले एक साल के दौरान बिहार में अपराधों में बढ़ोत्तरी हुई है। सरकार द्वारा पेश आंकड़ों के अनुसार, महागठबंधन की सरकार के दौरान बिहार में कुल 3 लाख 15 हजार 127 मामले दर्ज हुए। इनमें से हत्या के 4412, रेप के 1704 और दंगों के 19537 मामले दर्ज हुए हैं। वहीं जदयू भाजपा गठबंधन सरकार में कुल 2 लाख 31 हजार 565 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से हत्या के 2722, रेप के 1278 और दंगों के 9170 मामले हैं। इन आंकड़ों का औसत निकालें तो भाजपा-जदयू सरकार में हर दिन लगभग 8 लोगों की हत्या हुई है। इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि नीतीश कुमार के सुशासन में अपराधियों का बोलबाला है।