नई दिल्ली: डॉलर के मुकबले रुपया ऐतिहासिक गिरावट से जूझ रहा है. मंगलवार को रुपया 72.73 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया, हालांकि एक जानेमाने ग्लोबल एक्सपर्ट ने दावा किया है कि रुपये में अभी और गिरावट होगी और ये 100 रुपये प्रति डॉलर तक जा सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसा कितने दिनों में होगा, ये कहना मुश्किल है, लेकिन ये गिरावट छह महीने में भी आ सकती है.

यदि उनकी बात सही हुई तो आने वाली मुसीबत का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में अगर कोई इजाफा न हो, तो भी भारत में दाम करीब 40 प्रतिशत बढ़ जाएंगे. या आप जो कर्ज पर जो ईएमआई दे रहे हैं, वो काफी बढ़ सकती है. इसी तरह आयात महंगा होने से महंगाई भी बेकाबू हो सकती है.

आर्थिक और वित्तीय प्रकाशन 'द ग्लूम, बूम एंड डूम रिपोर्ट' के संपादक और प्रकाशक मार्क फैबर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'मैं मानता हूं कि रुपये में गिरावट जारी रहेगी. हालांकि ऐसा लगता है कि बीते दिनों उसे जरूरत से अधिक बेचा गया है और इस साल ये डॉलर के मुकाबले 10 प्रतिशत से अधिक गिर गया है. इसके बावजूद मेरा मानना है कि रुपये 100 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक जाएगा.' उन्होंने कहा कि इस बात पर बहस हो सकती है कि ये गिरावट कितने दिनों में होगी.

मुद्रा विश्लेषक गौरंग सोमैया ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि निकट समय में रुपया दर्द देता रहेगा और रिजर्व बैंक द्वारा कोई हस्तक्षेप सिर्फ इसकी रफ्तार को रोकेगा, लेकिन रुपये के लिए सूरते हाल अभी भी नकारात्मक हैं.' डीबीएस बैंक का अनुमान है कि शार्ट टाइम में रुपया 75 रुपये के आंकड़े को छू सकता है. रुपये की गिरावट जारी रही तो भारत का व्यापार घाटा बढ़ सकता है. पिछल साल के 11.45 अरब डॉलर के मुकाबले इस साल जुलाई में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 18.02 अरब डॉलर हो गया है.