नई दिल्ली: अर्थशास्त्री और भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर अपनी ही सरकार को एक बार फिर से चेताया है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में विपक्ष द्वारा बुलाये गये बंद पर स्वामी ने टिप्पणी की और कहा कि सरकार पेट्रोल की कीमतें इस स्तर तक ऊंची ना रख दे कि लोग विद्रोह पर उतर आएं। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में स्वामी ने आज कहा, ‘मुझे लगता है कि अर्थशास्त्र के मुताबिक व्यापक तौर पर पेट्रोल की कीमतें 40 रुपये होनी चाहिए, और किसी भी तरह से पीएम को पेट्रोलियम मंत्री को कहना चाहिए कि वे आर्थिक मामलों के मंत्रालय की तरह सोचे, ना कि पेट्रोलियम मंत्री की तरह, और उन्हें पेट्रोल की कीमतें इतनी ज्यादा नही रखनी चाहिए कि लोग विद्रोह के स्तर तक पहुंच जाएं।’

स्वामी ने पेट्रोल की कीमतों के अर्थशास्त्र को समझाते हुए कहा, “जब क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ती हैं तो ईंधन की कीमतें भी बढ़नी चाहिए ये माइक्रोइकोनॉमिक्स है, और मैं माइक्रोइकोनॉमिक्स के पक्ष में नहीं हूं, क्योंकि इसमें सिर्फ दो लोग (क्रेता और विक्रेता) शामिल होते हैं, लेकिन यहां पूरी अर्थव्यवस्था शामिल है, इसलिए ये मैक्रोइकोनॉमिक्स है।” बता दें कि सुब्रह्मण्यम स्वामी अपनी ही सरकार की कई आर्थिक नीतियों के आलोचक रहे हैं। स्वामी इससे पहले भी कह चुके हैं कि भारत में पेट्रोल 40 रुपये प्रति लीटर बिकनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि पेट्रोल की 40 से ज्यादा कीमतें जनता का शोषण है।