नई दिल्ली: तीन तलाक और हलाला के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रही महिला वकील फराह फैज कुछ समय पहले उस समय सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने टीवी डिटेब के दौरान मौलवी को पीट दिया था। रविवार (2 सितंबर) को उन्होंने देवबंद में अपना धर्म परिवर्तन कर लिया। वे फराह फैज से ‘लक्ष्मी’ बन गईं। इस मौके पर देवबंद के भाजपा नेताओं और क्षत्रिय समाज के लोगों ने पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, धर्म परिवर्तन के बाद उन्होंने कहा कि, “हमारे पूर्वज क्षत्रिय थे। इसलिए मैं एकबार फिर से अपने धर्म में वापस आ गई हूं।”

इस मौके पर फराह ने दारुल उलूम और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, “यह देश शरीयत नहीं, बल्कि संविधान से चलेगा। शरीयत के नाम पर मुस्लिम महिलाओं का हक मारा जा रहा है। जबरन शरीयत थोपने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी दारुम उलूम का ही प्रोडक्ट है। आज मुस्लिम कट्टरपंथी नहीं चाहते कि देश में तीन तलाक बिल लागू हो। उन्हें डर है कि यदि यह बिल लागू हो गया तो हलाला, चार शादियां और फतवे की दुकान बंद हो जाएगी। लेकिन यह बिल लागू होने से मुस्लिम समाज का ही भला होगा। समाज की औरतों की जिंदगी में सुधार आएगा।” इसके साथ ही उन्होंने दारुल उलूम के पर खुद के उपर हमला करने का भी आरोप लगाया।

गौरतलब है कि एक टीवी चैनल के लाइव डिबेट कार्यक्रम में तीन तलाक पर बहस चल रही थी। यूपी के बरेली की निदा खान के खिलाफ मौलवियों की ओर जारी फतवे पर चर्चा के दौरान मौलाना एजाज कासमी और फराह फैज के बीच तीखी नोकझोंक होने लगी। अचानक मुफ्ती पर फराह फैज़ ने हाथ उठा दिया था। इसके मुफ़्ती ने भी हाथ चला दिया। किसी तरह बीच बचाव कर वहां मौजूद लोगों ने स्थिति को नियंत्रित किया था। बाद में पुलिस ने मारपीट करने के आरोप में मुफ्ती एजाज अरशद को हिरासत में ले कर जेल भेज दिया गया था। इस घटना के बाद फराह फैज सुर्खियों में आ गईं थी। अब धर्म परिवर्तन के बाद वे फिर सुर्खियों में आ गई हैं।