नई दिल्ली: UPA अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। गुरुग्राम पुलिस ने एक लैंड डील मामले में वाड्रा के साथ ही हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसके अलावा ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज और DLF (गुरुग्राम शाखा) के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार, यह मामला गुरुग्राम के खेड़की दौला में जमीन खरीद से जुड़ा है। सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा- 420, 120B, 467, 468 और 471 के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट, 1988 की धारा 13 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। इनमें से कुछ धाराएं बेहद गंभीर हैं। वाड्रा पर हरियाणा में कांग्रेस की सरकार के वक्‍त करोड़ों की जमीन कौड़ियों के दाम खरीदने का आरोप है। तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री हुड्डा पर वाड्रा को जानबूझकर फायदा पहुंचाने का आरोप है। साथ ही गलत तरीके से जमीन आवंटित करने की भी बात कही गई है। आरोप है कि वाड्रा ने इसके जरिये हजारों करोड़ रुपये की कमाई की। हालांकि, दोनों शुरुआत से ही इन आरोपों को सिरे से खारिज करते रहे हैं। हरियाणा पुलिस ने अब जाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की है।

इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ आयकर विभाग ने भी कार्रवाई की थी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उन्‍हें 42 करोड़ रुपये के अज्ञात आय के मामले में नोटिस दिया था। यह मामला स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी से जुड़ा है। इस कंपनी में वाड्रा के पास 99 फीसदी का मालिकाना हक है। वाड्रा ने इस मामले को पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन, उन्‍हें कहीं से भी राहत नहीं मिली थी। वाड्रा ने इनकम टैक्स के नोटिस को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि उनकी कंपनी लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप में थी। वहीं, इनकम टैक्स के नोटिस में इस कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड पार्टनरशिप बताया गया था। इससे पहले पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में दो लोगों जयप्रकाश बागरवा और अशोक कुमार को गिरफ्तार भी किया था। अशोक कुमार को स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े महेश नागर का करीबी माना जाता है। दोनों को मनीलांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी फर्म कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी है। एजेंसी ने पिछले साल अप्रैल में कुमार और नागर के ठिकानों पर छापा मारा था। बताया जाता है कि स्‍काईलाइट द्वारा राजस्‍थान के बीकानेर में जमीन खरीद के चार मामलों में आधिकारिक प्रतिनिधि नागर ही था।