प्रधानमंत्री ने किया इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का उद्घाटन किया.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज से देश में डाकिया डाक लाया के साथ-साथ डाकिया बैंक लाया के रूप में जाना जायेगा. उन्होंने कहा कि देश के 650 जिलों और 3250 डाकघरों में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की सुविधा शुरू हो रही है. आज इस पहल से हम बैंक को गांव और गरीब के दरवाजे पर लेकर जाने का काम आरंभ कर रहे हैं. उन्होंने इसे एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में और सामाजिक व्यवस्था में बड़ा यह परिवर्तन लाने वाला है. 1 सितम्बर 2018 देश के इतिहास में एक नई और अभूतपूर्व व्यवस्था की शुरुआत होने के नाते याद किया जाएगा.
इस मौके पर पीएम मोदी ने डाकियों के पुराने दिनों को याद किया. उन्होंने कहा कि डाकिए के हाथ में पहले भाला रहता था, उसके उपर घुंघरु बंधा होता था, जिससे पता चलता था कि डाकिया आ गया और कोई चोर लुटेरा उन्हें परेशान नहीं करता था. उन्हें भी पता था कि वो डाकिया किसी गरीब मां के लिए मनीऑर्डर लाया होगा. देश में सरकारों के प्रति विश्वास डगमगाया होगा लेकिन डाकियों के प्रति नहीं. पहले गांव का शायद कोई भी बुजुर्ग ऐसा नहीं होगा कि पूछता नहीं होगा कि डाकिया आया है. डाकिया आया कि नहीं आया इसके आधार पर हमारी सामाजिक व्यवस्था तय होती है. डाकियों के पत्रों में कितना प्यार था दुलार था, चिंताएं थीं.
उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम में हर महीने हजारों पत्र आते हैं, मुझे लगता है कि पत्र लिखने वाला मेरे सामने ही हैं. हम समय के साथ बदलने वाले लोग हैं. देश की मांग के अनुसार व्यवस्था विकसित करने के पक्ष में हैं. हमारी सरकार पुराने व्यवस्थाओं को छोड़ने वाली नहीं बल्कि उनको रिफॉर्म करने की इच्छुक रहती हैं. टेकनोलॉजी आने की वजह से पत्रों की जगह इमेल ने ले ली है. भारतीय डाक विभाग देश की वो व्यवस्था है, जिसके पास डेढ लाख विभाग है. जो देश को जन-जन से जुड़े हुए हैं. अब डाकिए के हाथ में स्मार्ट फोन है और एक डिजिटल मशीन भी है. आईपीवी में बचत खाते के साथ-साथ अपना काम चलाने के लिए चालू खाता भी खोल सकता है. दूसरे खातों में वो ट्रांसफर भी कर सकता है, इसके माध्यम से बिजली, फोन और दूसके बैंकों के साथ साझेदारी कर कर्ज भी दे पाएगा.
उन्होंने कहा, सभी सेवाओं बैंक के काउंटर के अतिरिक्त घर आकर देने वाले हैं. आपने कितने पैसे जमा किए थे, कितना लेनदेन किया है ये सब डाकिया बता देगा. आपको अपना खाता नंबर याद रखने और पासवर्ड बताने की भी जरूरत नहीं होगी. इस नए बैंक में कुछ ही मिनट में खाता खुल जाएगा. इस बैंक में मेरा भी खाता खुल गया है. हमारी सरकार देश के बैंकों को गरीबों के दरवाजे पर लेकर आ गई है. पहले के सरकारों में ऐसा नहीं था. पीएम मोदी ने इस मौके पर कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से 2008 तक आज तक हमारे देश के सभी बैंकों ने 18 लाख की राशि ही लोन के तौर पर दी थी. और 6 साल में यह राशि बढ़कर 52 लाख करोड़ हो गई. यानी जितना लोन देश के बैंकों ने आजादी के बाद दिया था उसका दोगुना लोन पिछली सरकार ने 6 साल में दे दिया. हमारे देश में टेकनोलॉजी तो अब आई पहले फोन बैंकिंग का चलन था. अगर नामदार फोन कर दें तो लोन मिल ही जाता था. बैंक वाले अरबों-खरबों का कर्ज देते थे. सारे नियम कानून को ताक पर रखा जाता था नामदारों के लिए. कांग्रेस ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है. उस समय नामदारों के आशीर्वाद से ही बैंकों में नियुक्ति होती थी.
बता दें कि आईपीपीबी की स्थापना केंद्र सरकार के वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को तेजी से पाने के लिए की गई है. इसकी कल्पना आम आदमी के लिए एक सस्ते, भरोसेमंद और आसान पहुंच वाले बैंक के तौर पर की गई है. इस भुगतान बैंक में भारत सरकार की 100% हिस्सेदारी है. इस डाक विभाग के व्यापक नेटवर्क और तीन लाख से अधिक डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों का लाभ मिलेगा. देश के 1.55 लाख डाकघरों को 31 दिसंबर 2018 तक आईपीपीबी प्रणाली से जोड़ लिया जाएगा. आईआईपीबी अपने खाताधारकों को भुगतान बैंक के साथ-साथ चालू खाता, धन हस्तांतरण, प्रत्यक्ष धन अंतरण, बिलों के भुगतान इत्यादि की सेवाएं भी उपलब्ध कराएगा.