नई दिल्ली: श्रीनगर के एक होटल में मई में एक स्थानीय महिला के साथ देखे जाने के बाद पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए मेजर लीतुल गोगोई को कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में एक स्थानीय निवासी से दोस्ती करने और एक अभियान वाले क्षेत्र में अपने कार्य स्थल से दूर रहने का दोषी पाया गया है।

उन पर स्थानीय लोगों से घुलने-मिलने का आरोप है. दरअसल मेजर लीतुल गोगोई श्रीनगर के एक होटल में किसी महिला से मिलते देखे गए थे. ऑपरेशन एरिया में होते हुए भी वो ड्यूटी की जगह से दूर थे. इस पर कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी हुई. उनके ख़िलाफ़ अनुशासन की कार्रवाई शुरू करने की सिफ़ारिश की गई है. मेजर गोगोई वही मेजर हैं जो पत्थरबाज़ी के दौरान सुरक्षित निकलने की कोशिश में एक शख़्स को जीप से बांधकर चर्चा में आए थे. कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में मेजर गगोई की वरिष्ठता घटाने से लेकर नौकरी तक जा सकती है. इतना ही नहीं सजा तक संभव है.

आपको बता दें कि इस साल मई महीने में सेना ने मेजर नितिन लीतुल गोगोई के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया था. गोगोई को 18 साल की एक युवती के साथ किसी होटल में घुसने की कोशिश करने के दौरान होटल स्टॉफ से कहासुनी हो गई थी जिसके बाद उन्‍हें हिरासत में ले लिया गया था. इस मामले में सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था कि यदि मेजर गोगोई ‘किसी अपराध’ के दोषी पाये जाते हैं तो उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी.

रावत ने कहा था, ‘यदि भारतीय सेना का कोई भी अधिकारी किसी भी अपराध का दोषी पाया जाता है तो हम कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘‘ यदि मेजर गोगोई ने कुछ गलत किया है तो मैं आपको आश्वासन देता हूं कि उन्हें जल्द से जल्द सजा दी जाएगी. यह सजा एक मिसाल कायम करेगी.’जम्मू कश्मीर पुलिस पहले से ही 23 मई की घटना की जांच कर रही है जब मेजर गोगोई को उनके ड्राइवर और बडगाम की एक युवती के साथ पुलिस को सौंपा गया था.

अधिकारियों ने बताया कि होटल के कर्मचारियों ने गोगोई को महिला के साथ अंदर नहीं जाने दिया था. पिछले साल कश्मीर में अपने वाहन के बोनट पर एक नागरिक को बांधने के मेजर गोगोई के फैसले पर विवाद खड़ा हो गया था.