केरल: बाढ़ के हालात ने धर्म और जाति के अंतर को दूर किया
उत्तरी मलप्पुरम की एक मस्जिद ने 17 विस्थापित हिंदू परिवारों को शरण दी
तिरुवनंतपुरम: केरल में लगातार बारिश के बाद बने बाढ़ के हालात ने धर्म और जाति के अंतर को दूर कर दिया है जिसका उदाहरण यहां की एक मस्जिद है जिसने हिंदुओं समेत सभी धर्म के लोगों के लिए अपने दरवाजे खोल दिये हैं। बाढ़ की संकट वाली स्थिति के बीच सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिलों में शामिल उत्तरी मलप्पुरम की एक मस्जिद ने 17 विस्थापित हिंदू परिवारों को शरण दी है जिसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं।
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चलियार गांव के अकमपाडम में स्थित जुमा मस्जिद आठ अगस्त को उत्तरी जिलों में बाढ़ आने के बाद से राहत शिविर में तब्दील हो गयी है। धर्म और जाति से परे मस्जिद में सोने के लिए विस्थापित लोगों को आश्रय दिया जा रहा है। उन्हें कैंटीन में तैयार खाना मिलता है और घर वापसी के समय दाल, चावल और अन्य खाद्य सामग्री भी दी जा रही है।
चलियार गांव पंचायत के प्रमुख पी टी उस्मान ने कहा कि जुमा मस्जिद में जिन 78 लोगों ने शरण ली, उनमें से अधिकतर हिंदू हैं। उन्होंने कहा, ''मस्जिद में शरण लेने वाले 26 परिवारों में से अधिकतर हिंदू हैं। हमने आठ अगस्त को मस्जिद में राहत शिविर खोला था, लेकिन 14 अगस्त के बाद ही यहां गतिविधियां पूरी तरह शुरू हो सकीं।