लखनऊ: आॅल इण्डिया दलित मुस्लिम मोर्चा द्वारा प्रेस क्लब लखनऊ में मिल्ली फाउण्डेशन के सहयोग से भीड़ द्वारा बढ़ती हत्याएं माॅव लिंचिंग या टारगेट किंलिंग क्या है निवारण विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।

सेमिनार में मुख्य वक्ता मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलाहउद्दीन (शीबू) एडवोकेट थे अध्यक्षता अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति मा0 उच्च न्यायालय खेमकरन ने की संचालन मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनीस अहमद एडवोकेट ने किया।

सेमिनार में पूर्व न्यायाधीश बी0डी0 नकवी, पूर्व चैयरमेन पिछड़ा वर्ग आयोग जगन्नाथ प्रसाद यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तहसीन सिद्दीकी, टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना फजले मन्नान, मुस्लिम फोरम के एम0के0 शेरवानी लोकतांत्रिक कांग्रेस के रमेश दीक्षित लोकदल के वसीम हैदर कांगे्रस के प्रदीप सिंह, कमल किशोर आनन्द, अरशद आजमी महादलित परिसंघ के चन्दन बाल्मीकि मोर्चा के नसरत अली सिद्दीकी, अनवर आलम एजाज अहमद राइनी ने अपने विचार रखे।

सलाउद्दीन (शीबू) ने कहा कि कभी गोरक्षा कभी बीफ के नाम पर गोरक्षक दल, बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद जैसे साम्प्रदायिक संगठनों से जुड़े अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों द्वारा झुॅड बनाकर कभी दलितों, कभी मुसलमानों की टारगेट बनाकर हत्या करना माॅव लिंचिंग नहीं टारगेट किंलिंग है। सड़क पर निकला एक आम आदमी कभी किसी की हत्या नहीं करता। सरकारें वोट की राजनीति से ऊपर उठकर ऐसे संगठनों पर तत्काल प्रतिबन्ध लगायें और आरोपियों के खिलाफ निष्पक्षता से सख्त से सख्त कार्यवाही करें तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। देश को धर्म जाति के नाम पर बांटने का प्रयास करने वाले इन संगठनों को कुछ लोग मौन समर्थन देकर सत्ता तो प्राप्त कर सकते हैं।मगर आगे चलकर ये संगठन भारत की एकता, अखण्डता और लोकतंत्र के लिये खतरा बन जायेंगे। संविधान में ऐसे संगठनों का कोई तसव्वुर और गुंजाइश नहीं है।