मोर्टगेज गारंटी योजनाएं बहुत से लोगों के चेहरों पर ला रही हैं मुस्कान………..
सिबिल और इन्डीविजु़अल क्रेडिट रेटिंग के इस दौर में हर व्यक्ति के लिए, खासतौर पर छोटे संगठनों में काम करने वाले लोगों के लिए होम लोन (आवास ऋण) लेना आसान नहीं है। अपना काम करने वाले लोगों को लोन मिलने में और भी ज़्यादा मुश्किल आती है, जो वेतनभोगी नहीं है। इसी तरह एमएसएमई/एसएमई (लघू एवं मध्यम उद्यमों) में काम करने वालों के लिए भी लोन (ऋण) लेना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां उन लोगों को लोन देकर जोखिम में नहीं पड़ना चाहतीं, जिनकी ऋण भुगतान क्षमता कम है या जिनकी नौकरी स्थिर नहीं है या जिन्होंने पहले कभी ऋण नहीं लिया है।
श्रीकान्त श्रीवास्तव, चीफ रिस्क अफिॅसर, इण्डिया मोर्टगेज गारंटी कोरपोरेशन के अनुसार ऐसे लोग अब राहत की सांस ले सकते हैं क्योंकि उनके पास होम लोन लेने के लिए अब मोर्टगेज गारंटी का विकल्प उपलब्ध है। मोर्टगेज गारंटी ऐसे मामलों में कारगर हो सकती है क्योंकि केन्द्र सरकार के अफाॅर्डेबल हाउसिंग के दृष्टिकोण के चलते घर खरीदना अब आसान हो गया है। किफ़ायती दरों पर घर उपलब्ध होने के बावजूद भी अगर खरीददार लोन न मिलने की वजह से घर न खरीद सके तो उसका घर खरीदना का सपना, सपना बनकर ही रह जाएगा।
भारत का पहला मोर्टगेज गारंटर
भारत की पहली मोर्टगेज गारंटी कंपनी, इण्डिया मोर्टगेज गारंटी कोरपोरेशन ने मोर्टगेज गारंटी (यानि गिरवी रखकर ऋण लेना) की सुविधा पेश की है। नेशनल हाउसिंग बैंक, इंटरनेशनल फाइनेन्स कोरपोरेशन, एशियन डेवलपमेन्ट बैंक और जैनवर्थ इंक द्वारा प्रोमोटेड आईएमजीसी भारत की पहली कंपनी है जो भारतीय नागरिकों को होम लेने देने वाले बैंकों/ हाउसिंग फाइनेन्स कंपनियों को क्रेडिट डिफाॅल्ट गारंटी देती है। आईएमजीसी, आरबीआई के मोर्टगेज गारंटी कंपनी विनियम अधिनियम के तहत पंजीकृत है।
अपना काम करने वाले लोगों और गैर-वेतनभोगियों को होम लोन हेतू मोर्टगेज गारंटी उपलब्ध कराने के लिए मार्च के महीने में आईएमजीसी ने भारत की पहले ऋणदाता एसबीआई के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी के माध्यम से ऋण लेने वाले उपभोक्ता न केवल आईएमजीसी के ऋणदाता साझेदार से ऋण पा सकते हैं, बल्कि निर्धारित नियमों के अनुसार उनकी होम लोन पाने की योग्यता 15 फीसदी तक बढ़ जाती है। सम्पत्ति खरीद के कई मामलों में यह 15 फीसदी बढ़ोतरी बहुत अधिक मायने रखती है।
इस तरह का क़रार मोर्टगेज गारंटी की श्रृंखला में पहली बार किया गया है, जिसकी मदद से अब बड़ी संख्या में उपभोक्ता अपना घर खरीद सकेंगे, जो लंबे समय से घर खरीदने का सपना देख रहे थे। आईएमजीसी ने आईसीआईसीआई बैंक, टाटा हाउसिंग फाइनेन्स, आदित्य बिरला हाउसिंग फाइनेन्स, डीएचएफएल, श्रीराम हाउसिंग फाइनेन्स आदि के साथ भी इसी तरह के समझौते किए हैं।
मोर्टगेज गारंटी केे लिए किया गया यह क़रार सुनिश्चित करेगा कि उपभोक्ता अपनी मनचाही राशि का ऋण उचित ब्याज दरों पर पा सकें, क्योंकि अगर उपभोक्ता सीधे ऋणदाता से संपर्क करे तो वह आसानी से ऋण नहीं पा सकेगा। ऐसे में अगर ऋण के लिए मंजूरी मिल भी जाती है तो उसे अपनी ज़रूरत के अनुसार पूरी राशि नहीं मिल पाएगी और उंची ब्याज दरों पर ऋण का भुगतान करना होगा, जिससे उसका रिस्क प्रोफाइल बढ़ जाएगा। हालांकि मोर्टगेज गारंटी कंपनी उपभोक्ता की इन सभी समस्याओं को हल करती है।
ऊँची राशि, कम ब्याज़
इसके अलावा, अगर छोटी कंपनी के कर्मचारी को ऋण के लिए अनुमोदन मिल जाता है, तो उसकी आवश्यकता के हिसाब से सिर्फ 75 से 80 फीसदी राशि ही पास की जाती है क्योंकि ऋणदाता इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं होता कि वह समय पर, पूरी राशि का भुगतान कर सकेगा या नहीं। ऐसे में उपभोक्ता को और शमिंदा होना पड़ता है, खासतौर पर तब जबकि वह प्राॅपर्टी के डेवलपर को अडवान्स भुगतान कर चुका हो। उसके पास कोई विकल्प नहीं रह जाता, आखिरकार उसे बाकी बची राशि के लिए अपने परिवार और दोस्तों का सहारा लेना पड़ता है। आईएमजीसी की मोर्टगेज गारंटी उपभोक्ता को ऐसी मुश्किल स्थितियों से भी बचाती है।
जिन लोगों का पहले ऋण का इतिहास न हो, उनका ऋण आवेदन निरस्त कर दिया जाता है। आईएमजीसी की मोर्टगेज गारंटी जहां एक ओर उपभोक्ता को इन परेशानियों से बचाती है, वहीं ऋणदाता को भी आश्वस्त करती है कि उसके द्वारा दी गयी राशि पूरी तरह से सुरक्षित है। इसी तरह आयकर रिटर्न नहीं भरने वालें को भी लोन मिलने में मुश्किल होती है, अगर उनकी आय करसीमा के दायरे में नहीं आती है। फिर से मोर्टगेज कंपनी परिवार के अन्य सदस्यों की आय को ध्यान में रखते हुए ऋणेदाता को क्रेडिट डिफाॅल्ट गारंटी देती है, जिसके चलते उपभोक्ता को ऋण मिल जाता है।
मध्यम आयु वर्ग के लोग जो सेवा-निवृत होने वाले हैं, उन्हें भी होम लोन मिलने में परेशानी होती है, अक्सर उन्हें ऋण पर ऊँची ब्याज दरें चुकानी पड़ती है। ऐसे मामलों में भी मोर्टगेज गारंटी के ज़रिए व्यक्ति ज़्यादा राशि एवं लंबी समय अवधि के लिए ऋण पा सकता है। छोटी ईएमआई के चलते उसके लिए ऋण चुकाना भी आसान हो जाता है।
पेंशनभोगी सरकारी कर्मचारियों के भी ऋण मिलने में मुश्किल होती है क्योंकि ऋणदाता सेवानिवृत्ति की उम्र के बाद सिर्फ पेंशन को ध्यान में रखते हुए ऋण नहीं दे सकते। सरकारी कर्मचारियों के लिए आईएमजीसी की विशेष योजना इन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिसमें काम करने के सालों के दौरान की आय को ध्यान में रखते हुए और फिर 70 साल की उम्र तक पेंशन की आय को ध्यान में रखते हुए ऋण दे दिया जाता है। आवेदनकर्ता को भी अपनी कुल वेतन के आधार पर ईएमआई का भुगतान करना होता है। सेवानिवृति के बाद ईएमआई पेंशन पर आधारित हो जाती है। इस तरह ऋण आवेदनकर्ताओं के लिए ऋण के पुनर्भुगतान हेतू आसान विकल्प उपलब्ध हैं।
इसी तरह की योजनाएं प्रधानमंत्री आवास योजना या ईडब्ल्यू/एलआईजी लाभार्थियों के लिए भी उपलब्ध है जिन्हें बड़े बैंकों/ ऋणदाताओं से ऋण मिलने में परेशानी होती है। मोर्टगेज गारंटी योजना के ज़रिेए अब ये सभी लोग अपना घर खरीदने का सपना साकार कर सकते हैं।