नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की जांच जारी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मंगलावर को इस मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, 'लेफ्ट, राइट, सेंटर. हर जगह रेप हो रहे हैं. देश में ये चल क्या रहा है?'

शीर्ष अदालत ने सरकार से पूछा कि राज्य में शेल्टर होम चलाने के लिए कब से दिया जा रहा है? संस्था की असलियत जाने बिना फंड क्यों दिया गया? ऐसा लगता है कि शेल्टर होम में होने वाली ये घटनाएं स्टेट स्पॉन्सर हैं.'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'पिछले कई सालों से बिहार सरकार NGO को फंड देती रही, लेकिन उसे ये नहीं पता कि ये फंड वो क्यों दे रही है? फंड जारी करने से पहले सरकार को NGO की जांच पड़ताल करनी चाहिए, शेल्टर होम का निरीक्षण करना चाहिए.'

इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है और इस संबंध में जानकारी मांगी है. कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने कहा कि वह वक्त-वक्त पर सोशल ऑडिट करती है, कुछ बुरे अफसर भी होते हैं. इस कोर्ट ने पूछा कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने घटना की जांच में देरी पर भी नाराज़गी जताई. कोर्ट ने सवाल किया कि अभी तक अधिकारी क्‍या कर रहे थे? किसी बड़े अधिकरी पर कार्रवाई क्‍यों नहीं हुई है? बिहार सरकार से भी नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने जांच की दिशा पूछी है.

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का हवाला देते हुए कहा, 'हर छह घंटे में एक लड़की का रेप हो रहा है. देशभर में साल में 38 हजार से ज्यादा रेप हो रहे हैं. देश में सबसे ज्यादा रेप मध्य प्रदेश में हो रहे हैं, दूसरा नंबर यूपी का है.'

शेल्टर केस में नियुक्त एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) ने कोर्ट को जानकारी दी कि इस मामले में अभी तक किसी को मुआवजा नहीं मिला है. वहीं, एक लड़की अभी तक लापता है. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने जांच अधिकारियों से सवाल भी किए.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार शेल्टर होम केस में अपर्णा भट्ट को एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किया है. एमिकस ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि पीड़ित लड़कियों की काउंसलिंग की जा रही है.