नई दिल्ली: देशभर में लगातार हो रहीं मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार गंभीर हो गई है। वहीं सरकार ने इससे निपटने के लिए एक हाई लेवल कमेटी गठित करने का फैसला किया है। जो चार हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके अलावा केंद्र ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) भी बनाने का फैसला किया है जो हाई लेवल कमेटी की अनुशंसाओं पर विचार करेगी। जीओएम अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेगा।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा में बताया कि देशभर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या के मामलों पर रिपोर्ट देने के लिए सरकार ने एक मंत्रिसमूह का गठन किया है और गृह सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया है जो 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।

सिंह ने आज सदन में अपनी ओर से दिये गये बयान में कहा, ''देशभर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या के मामलों पर संसद में चिंता व्यक्त की गयी है। उच्चतम न्यायालय ने भी इस संबंध में अपनी टिप्पणी की है और सरकार से पहल करने की अपेक्षा की है।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में गृह सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है जो 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी। गृह मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर उनकी (सिंह की) अगुवाई में एक मंत्रिसमूह (जीओएम) भी बनाया गया है जो जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देगा। देशभर में पिछले दिनों सामने आये भीड़ द्वारा हत्या के मामलों की पृष्ठभूमि में सरकार ने यह कार्रवाई की है।
पिछले गुरूवार को सिंह ने सदन में कहा था कि यह सच्चाई है कि कई प्रदेशों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं घटी हैं। इसमें कई लोगों की जानें भी गई है। लेकिन ऐसी बात नहीं है कि इस तरह की घटनाएं विगत कुछ वर्षों में ही हुई हैं। पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। लेकिन ऐसी घटनाएं चिंता का विषय हैं।

उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग में लोग मारे गए हैं, हत्या हुई और लोग घायल हुए हैं, जो किसी भी सरकार के लिये सही नहीं है। '' हम ऐसी घटनाओं की पूरी तरह से निंदा करते हैं।