आदतन रॉन्ग नंबर डायल कर रहे हैं मोदी के अनुयायी!
राजीव रंजन तिवारी
भाजपा सांसद साक्षी महाराज हों या योगी आदित्यनाथ अथवा संत सदानंद सरस्वती हों या साध्वी निरंजन ज्योति। जिस तरह से उक्त लोग अपने बेलगाम व बेतुके बोल से चर्चित हो रहे हैंए उससे यह सिद्ध हो रहा है कि यह इनकी आदत सी बन गई है। कहने को तो ये सभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुयायी हैंए लेकिन अफसोस कि इन पर मोदी की झिड़की का भी असर नहीं हो रहा है। इस तरह कमाई के मामले में वर्ल्ड रिकार्ड बनाने जा रही बॉलीवुड फिल्म ष्पीकेष् में आमिर खान द्वारा दोहराया जा रहा ष्रांग नंबरष् वाला जुमला याद आ रहा है। दरअसलए फिल्म में सभी धर्मों द्वारा कथित रूप से फैलाए जा रहे अंधविश्वास पर चोट किया गया हैए जिसमें उन धर्मावलम्बियों की गतिविधियों को अभिनेता द्वारा ष्रांग नंबरष् बताया गया है। ठीक उसी तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुयायी लगातार उल्टे.पुल्टे बयान देकर ‘रॉन्ग नंबर’ लगा रहे हैं। अफसोसजनक यह है कि इन वक्तव्यों से समाज का हित होने वाला नहींए बल्कि विद्वेष ही फैलने वाला है। चिंता की बात यह भी है कि इन पर कोई रोक लगाने वाला भी नहीं है। जानकार मानते हैं कि यदि इन पर रोक नहीं लगी तो देश का सामाजिक ताना.बाना बिगड़ सकता है।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज ने पिछले दिनों मेरठ में संत समागम महोत्सव में बोलते हुए अपने एक विवादास्पद बयान में हिंन्दू महिलाओं से अपील की थी कि वे कम से कम चार बच्चे पैदा करें। उनमें से एक साधुओं और संन्यासियों को दे दें और एक को सीमा पर भेजें। साक्षी महाराज ने इससे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को श्देशभक्तश् बताकर विवाद खड़ा कर दिया था और इसके लिए उन्हें संसद में माफी मांगने पर मजबूर होना पड़ा था। इस तरह के बयान पर जब बवाल मचा तो साक्षी महाराज ने कहा कि वो कोई राजनैतिक मंच नहीं था। वह एक आध्यात्मिक कार्यक्रम था। अब उसके बारे में बहुत बहस हो गई। मैं उस मुद्दे पर और कुछ नहीं कहना चाहता। भाजपा सांसद यहीं नहीं रूकेए उन्होंने आगे कहा कि अगर मैंने कुछ गलत किया है तो मैं फांसी पर चढ़ने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि जो लोग इस मुद्दे पर इतना हल्ला कर रहे हैंए उन्हें इस पर कड़ा कानून बनना चाहिए। जो भी दो से ज्यादा बच्चे पैदा करेए उनको सजा का प्रावधान होना चाहिए। इस दौरान साक्षी महाराज ने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैं मोदी जी का हूंए मोदी जी मेरे हैं और मैं पार्टी का सिपाही हूं। हालात ऐसे बन गए कि उनकी अपनी पार्टी भी उनके साथ खड़ी नहीं हुई। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साक्षी महाराज के बयान को उनकी निजी राय करार दिया।
विपक्ष ने साक्षी महाराज के इस नए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पूछा कि क्या भारत की जनसंख्या नीति में बदलाव लाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मौन क्यों हैंघ् गृह मंत्रीए पार्टी अध्यक्ष और वित्त मंत्री इस मुद्दे पर चुप क्यों हैंघ्श् उन्होंने पूछा कि क्या यह नई जनसंख्या नीति हैघ् देश जवाब चाहता है। हम जानते हैं कि कोई जवाब नहीं आएगा। हिंदी फिल्म बिरादरी ने भी साझी महाराज के बयान पर हैरानी जताई। आम आदमी पार्टी के कट्टर समर्थक और संगीतकार विशाल ददलानी ने लिखा कि आखिरकार मुझे पता चल ही गया कि बीजेपी के लिए विकास का क्या मतलब है! वह यह है कि जनसंख्या का बोझ बढ़ाकर हर दिन मूर्खता का नया घटनाक्रम जोड़ा जाए। हास्य कलाकार वीर दास ने कहा कि साक्षी महाराजए जब तक हिंदू महिलाओं का एक भी बच्चा आपके भाषणों पर हंसता रहेगाए तब तक हम ठीक.ठाक रहेंगे। फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने कहा कि मैं साफ कर देना चाहता हूं कि मैं साक्षी महाराज के हिंदूओं से अलग हिंदू हूं। देव दर्शन फिल्म्स प्रोडक्शन के चेयरमैन उपेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि साक्षी महाराज जैसे नेताओं के बेलगाम बोल पर अंकुश लगना चाहिए। बालाजी मोशन पिक्चर्स के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी तनुज गर्ग ने कहा कि साक्षी महाराज चाहते हैं कि हर हिंदू महिला चार बच्चे पैदा करेए और हम चाहते हैं कि वह अपना मुंह बंद रखें।
आजकल टीवी पर सरकार लीगल गर्भपात के समर्थन में एक ऐड चला रही हैए जिसमें साफ तौर पर यह कहा गया है कि किसी भी स्थिति में गर्भपात हमें सरकारी डॉक्टरों की देखरेख में ही कराने चाहिए। हालांकि इसमें कई नियम भी होंगेए जिनके बारे में तफसील से पता करना होगा। अब या तो साक्षी महाराज अपनी सरकार की राय से इत्तफाक नहीं रखते या सरकार उनकी राय से। तभी तो उनके विचार इतने जुदा हैं। आपने कह तो दियाए पर क्या कभी आपने सोचा है कि अगर एक महिला चार.चार बच्चे पैदा करेगी तो उसकी अपनी सेहत किस कदर खत्म हो जाएगीए अगर चार.चार साल के गैप पर भी उसके बच्चे होंगे तो उसके जीवन के महत्वपूर्ण 16 साल बच्चों को पालने में ही निकल जाएंगेए और इस दौरान उसके शरीर के साथ.साथ उसका मन भी हमेशा के लिए ऑस्टियोपोरोसिस का शिकार हो जाएगा।
द्वारका शक्तिपीठ के महंत स्वामी सदानंद सरस्वती ने भी अपने एक बेतुके बोल में पिछले दिनों दावा किया था कि धरती पर पैदा होने वाला हर इंसान सबसे पहले हिंदू के रुप में जन्म लेता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में बहुसंख्यक समुदाय धर्मांतरण का सबसे बडा भुक्तभोगी रहा है। स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि हर बच्चा हिंदू के रुप में जन्म लेता है और दुनिया उसे अन्य धर्म का तमगा देती है। अपनी बात के लिए उन्होंने तर्क दिया कि वेदों ने यह साबित किया है कि व्यक्ति सबसे पहले हिंदू है और बाद में उसका अन्य धर्मों में धर्मांतरण होता है। हर मानव सनातनी या हिंदू था। सरस्वती ने कहा कि यदि भारत में हिंदू नहीं होते तो देश की अखंडताए संप्रभुता और एकता की रक्षा नहीं की जा सकती। आज धर्मांतरण चर्चा का विषय बन गया है। जो लोग इसके इतिहास के बारे में कुछ नहीं जानते वह धर्मांतरण पर बोल रहे हैं। आप इतिहास पढ़ें और पाएंगे कि हम ;हिंदूद्ध धर्मांतरण के सबसे ज्यादा पीड़ित रहे हैं।
विवादित बयान न देने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हिदायत के बावजूद बीजेपी के नेता बाज नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पहले सब्ज़ियां हुईं महंगीए फिर बाज़ार में आई मंदी और किसानों की आमदनी हुई कम और अब साक्षी महाराज के बयान से लगता है कि बस नफ़रत फैलाने वालों के आए अच्छे दिन आ गए हैं। इससे पहले केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा था कि ये देश रामज़ादों का है या …ज़ादों काघ् इस तरह उन्होंने राम नाम का अपमान किया। फिर बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने छेड़ा लव जेहाद का विवाद और अब साक्षी महाराज ने फिर वही घिसी.पिटी बातें दोहरा दी हैं। रही बात साक्षी की तो वही समझा पाएंगे कि ये बात छेड़ने से किसको फ़ायदा मिल रहा हैए लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि इसका जवाब बीजेपी के नेतृत्व को भी देना पड़ेगा कि जहां प्रधानमंत्री मोदी की बात टालने की हिम्मत बड़े से बड़ा नेता नहीं करता हैए वहीं साक्षी महाराजए योगी आदित्यनाथ और साध्वी निरंजन ज्योति बार.बार लक्ष्मण रेखा पार करने की हिम्मत कहां से जुटा रहे हैंघ् बीजेपी के सूत्र बार.बार कहते हैं कि प्रधानमंत्री ऐसे बेतुके बयानों से नाराज़ हैं। लेकिन सवाल ये हैए इन बयानों को बंद करने के लिए पार्टी कड़े क़दम कब उठाएगीघ् बहरहालए यह देखना है कि भाजपा अपने इन नेताओं पर कब तक अंकुश लगा पाती है