नई दिल्ली: मोदी सरकार ने अपने कम समय की सत्ता में ज्यादा से ज्यादा काम करने की पॉलिसी तहत एक और अहम फैसला लिया है. सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है जिसके तहत यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) की जगह पर हायर एजुकेशन कमीशन का गठन किया जाएगा.

मंत्रालय के मुताबिक, ये जानकारी जल्द ही सबके सामने लाई जाएगी और 7 जुलाई तक इस ड्राफ्ट बिल को लेकर लोगों की राय मांगी जाएगी.

सरकार का दावा है कि इस नई संस्था के जरिए देश के हायर एजुकेशन संस्थानों को ज्यादा स्वायत्ता मिलेगी. सरकार द्वारा हायर एजुकेशन सेक्टर में किया जा रहा ये बदलाव शिक्षा में विदेशी निवेश की संभावनाएं भी जगा रहा है.

हालांकि सरकार के इस कदम पर दूसरी पार्टियां विरोध जता रही है. विपक्ष का कहना है कि सरकार का ये कदम हायर एजुकेशन में पब्लिक फंडिंग को खत्म कर देगा जिससे एक बार फिर प्राइवेट सेक्टर को मनमानी का मौका मिल जाएगा.

मंत्रालय ने एआईसीटीई (AICTE) और यूजीसी (UGC) के नए नियमों को हायर एजुकेशन एंपावरमेंट रेगुलेशन एजेंसी का गठन किया था.