लखनऊ: बीजेपी एमएलसी बुक्कल नवाब ने रविवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में सभी शिया मुसलमान भारतीय जनता पार्टी को ही वोट देंगे. वहीं राम मंदिर के मुद्दे पर बुक्कल नवाब ने कहा कि ये हर हिंदुस्तानी की ख्वाहिश है कि राम मंदिर अयोध्या में ही बने. इस मौके पर तमाम शिया मौलाना भी मौजूद थे. बुक्कल नवाब ने दावा किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भारत के सभी शिया मु​सलमान एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी को वोट देंगे. सभी मिलकर एक बार फिर केंद्र में बीजेपी की सरकार बनवाएंगे. बुक्कल नवाब ने कहा कि इसके अलावा अयोध्या मसले पर शिया समाज राम मंदिर के पूरी तरह से पक्ष में है. शिया समाज का मानना है कि रामलला का जो स्थान है, वहां पर मंदिर बनना चाहिए. ऊपरवाले ने चाहा तो बनेगा.

बता दें ​बुक्कल नवाब पिछले साल ही समाजवादी पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए हैं. राम मंदिर को लेकर वह अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. पिछीले दिनों उन्होंने हनुमान मंदिर जाकर पूजा की तो देवबंदी उलेमा से तीखी प्रतिक्रिया भी सामने आई थी. देवबंदी उलेमा ने हनुमान मंदिर में पूजा करने के लिए बुक्कल नवाब को इस्लाम से खारिज कर दिया था. दरअसल बुक्कल नवाब ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद हजरतगंज स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे. यहां उन्होंने हनुमान जी की पूजा-अर्चना की और मंदिर में घंटा भी चढ़ाया.

मंदिर में पूजा करने के बाद बुक्कल नवाब ने कहा था कि यह मंदिर उनके पूर्वजों ने बनाया है, जिसकी पुष्टि गूगल और गीता प्रेस की किताबों से होती है. बुक्कल नवाब ने यह भी कहा कि राम मंदिर अयोध्या में नहीं तो क्या पाकिस्तान में बनेगा ? बुक्कल नवाब के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए देवबंदी उलेमा दारूलउलूम अशरफिया के मोहतमिम 'मौलाना सालिम अशरफ कासमी' ने कहा कि इस तरह के बयानों पर मुस्लिम कौम को बेदार होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘किसी को दिखावे के लिए किसी के भी मजहब या रस्म को अपनाना नहीं चाहिए इससे मजहब कभी मजबूत नहीं होता. इससे कभी हिंदुस्तान मजबूत नहीं होगा. दिखावे के लिए धर्म नहीं होता है, इंसानियत को, मोहब्बत को, वफादारी को और हमदर्दी को आम करना चाहिए.’

मौलाना सालिम अशरफ कासमी ने आगे कहा कि बुक्कल नवाब अगर मंदिरों में जाने के बजाए गैर मुस्लिमों के लिए कुछ करते और इंसानियत का भला करते तो खुदा भी खुश होता लेकिन उन्होंने अपने ईमान को खतरे में डाल दिया है. हिंदू मजहब के रस्म रिवाज के मुताबिक वहां पूजा-अर्चना करना यकीनन बुक्कल नवाब जैसे आदमी को इस्लाम से खारिज करता है. बुक्कल नवाब को सच्ची तौबा कर के अपने आप को बचाना चाहिए.