एल एंड टी की बनाई इंटरसेप्टर बोट भारतीय तट रक्षक में शामिल
एक इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और निर्माण समूह एल एंड टी द्वारा डिजाइन और निर्मित 40 वीं इंटरसेप्टर बोट को एक समारोह में भारतीय तटरक्षक में शामिल किया गया। इंस्पेक्टर जनरल राजन बरगोत्रा, टीएम, कमांडर कोस्ट गार्ड रीजन (पूर्व) इस समारोह के मुख्य अतिथि थे।
जहाज, जो एल एंड टी द्वारा निर्मित किए जाने वाले 54 इंटरसेप्टर नौकाओं की श्रृंखला का 40 वां है, घुसपैठ, तस्करी और अवैध मछली पकड़ने को रोकने के लिए तटीय सुरक्षा को मजबूत करेगा और गश्त में वृद्धि करेगा। इस महीने की शुरुआत में, 39 वें इंटरसेप्टर बोट को मुंबई में इसी तरह के एक समारोह में तटरक्षक दल में शामिल किया गया था, जहां यह जहाज वर्तमान में तैनात किया गया है।
एल एंड टी के सीईओ और प्रबंध निदेशक श्री एस एन सुब्रह्मण्यन ने कहाः ‘‘भारतीय नौसेना और भारतीय तट रक्षक के लिए प्लेटफार्मों और जहाजों की हमारी त्रुटिरहित डिलीवरी राष्ट्र निर्माण और विश्व स्तरीय जहाज डिजाइन क्षमताओं से जुडी हमारी गहरी प्रतिबद्धता के कारण ही संभव हुई है।‘‘
यह उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2017-18 में एलएंडटी ने अनुबंधित डिलीवरी शेड्यूल से पहले 11 जहाजों को लाॅन्च और डिलीवर किया था। कंपनी ने ‘मेक इन इंडिया‘ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर लगातार फोकस किया है और अपने जहाजों की डिजाइन और इनका निर्माण पूरी तरह स्वदेशी तौर पर किया है; इसी तरह इन्हें हमेशा निर्धारित शैड्यूल से पहले पूरा किया गया, जिससे देश की सुरक्षा संबंधी आवश्यकताओं को पर्याप्त रूप से और समय पर पूरा किया जा सके।
एल एंड टी के पूर्णकालिक निदेशक (डिफेंस) श्री जे डी पाटिल ने कहा, ‘‘ एल एंड टी ने भारतीय नौकाओं की इन-हाउस डिजाइन क्षमताओं का इस्तेमाल करते हुए जलयान का निर्माण हमेशा निर्धारित समय से पहले पूरा किया और समय पर इनकी डिलीवरी की है। भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप बेहतरीन स्वदेशी सामग्री के साथ जटिल रक्षा जहाजों को डिलीवर करने के लिए हमारे पास आवश्यक क्षमता, ट्रैक रिकॉर्ड और वित्तीय ताकत है।‘‘
अप्रेल महीने में एलएंडटी ने एक इन-हाउस डिजाइन किया गया 07 वेसल्स की एक श्रृंखला का पहला ऑफशोर पेट्रोल वेसल (ओपीवी), जिसे 11 अप्रैल 18 को आईसीजीएस विक्रम के रूप में शामिल किया गया था, इसे चेन्नई में आयोजित डेफएक्सपो 18 में एक कर्टेन रेजर समारोह के रूप में आयोजित किया गया था।