लखनऊ: पूर्व कैबिनेट मंत्री और जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक बाबू सिंह कुशवाहा ने बीजेपी सरकार को आजाद भारत के इतिहास मे दलितों – पिछड़ों का गला घोंटने वाली सबसे खतरनाक सरकार बताया है। बाबू सिंह कुशवाहा जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा संविधान के तहत मिले आरक्षण को पूरी तरह समाप्त किया जा रहा है। उन्होने कहा कि दलितों , पिछड़ों को आरक्षण को समझने की जरूरत है। दलितों , पिछड़ों को स्वयं इसके बारे मे जानकारी नही है। इसलिये वे खुद आरक्षण का विरोध करतें हैं। आज भी प्रदेश में पिछड़े और दलित वर्ग के 85 प्रतिशत लोग गरीबी से जूझ रहे हैं। जबकि 15 प्रतिशत शोषक वर्ग है।
बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि यदि अब भी पिछड़े और दलित वर्ग के लोग अपने आरक्षण को लेकर जागरूक नहीं हुए तो जो कुछ उन्हें मिल रहा है वह भी समाप्त हो जाएगा। उन्होने जातियों को उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण देने की बात कही। उन्होने कहा कि 54 प्रतिशत आबादी वाले ओबीसी वर्ग को मात्र 27 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। जब तक आरक्षण पूरी तरह नही दिया जाता है। तब तक हर जाति को उनकी आबादी के अनुपात मे आरक्षण दे देना चाहिये

जन अधिकार पार्टी के संस्थापक ने कार्यकर्ताओं का आह्वाहन करते हुये कहा कि आप इन बातों को लोगों तक पहुंचाये, समाज मे चर्चा कर उन्हे जागरूक करें। बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि अगर हमारे बहुजन समाज के लोग जाग्रत हो गये तो जन अधिकार पार्टी को आगे बढ़ने से कोई रोक नही सकता है। उन्होने कहा कि यदि प्रदेश में जन अधिकार पार्टी की सरकार बनी तो जातियों को उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण दिया जाएगा। ग्राम सभा से लेकर विधान सभा तक यह लागू किया जाएगा।

बाबू सिंह कुशवाहा ने केन्द्र सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि केन्द्र सरकार लगातार ओबीसी आरक्षण को समाप्त करने का कार्य कर रही है अखिलेश यादव के बारे में उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ओबीसी को उनका हक दिलाने के लिए लगातार मांग करते आ रहे हैं |

जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन मे लखनऊ के गांधी भवन मे भारी संख्या मे पार्टी नेता और कार्यकर्ता उपस्थित हुये। इस अवसर पर बीजेपी, बीएसपी, महान दल, कांग्रेस आदि कई पार्टियों के नेताओं ने बाबू सिंह कुशवाहा के नेतृत्व मे आस्था व्यक्त करते हुये जन अधिकार पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बाबू सिंह कुशवाहा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में जनाधिकार मंच और जन अधिकार पार्टी के जरिये लोगों को लामबंद किया था।