चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारियों का वाणिज्यकर मुख्यालय पर प्रर्दशन जारी

लखनऊ,11 जून 18। उत्तर प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ वाणिज्य कर विभाग के चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के आवाहन पर गेट सभा सातवे दिन भी जारी रही । सभा को महासंघ के प्रदेश उप महामंत्री सुरेष सिंह यादव एवं राजेष प्रताप सिंह केवी शुक्ला ,आशीष उपाध्याय गिरीश यादव कृष्ण कुमार सिंह मोहम्मद सलीम, दिनेश कुमार, अवध रामपाल,वीरेंद्र कुमार शुक्ला ने सम्बोधित किया।
उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ वाणिज्यकर विभाग के महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने पिछले दिनों कतिपय समाचार पत्र में छपी एक खबर का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यसचिव के हवाले से ऐसी खबर प्रकाशित कराई गई जिससे प्रदेश का पूरा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आहत है। उन्होंने कहा कि किसी भी पद की समाप्ति या उसकी भर्ती नामंजूर करने का निर्णय नीतिगत विषय है। अभी तक केन्द्र या राज्य सरकार ने चतुर्थ श्रेणी के पदों के समाप्ति की घोषणा नही की है। ऐसे में मुख्य सचिव के हवाले से चतुर्थ श्रेणी भर्ती नामंजूर का बयान आना दुर्भाग्य पूर्ण है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों एवं उनके परिजनों में भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव को इस सम्बंध में स्पष्टीकरण देना होगा। कहा कि कर्मचारियोंकी लम्बित समस्याओं के साथ एक गम्भीर मसला सामने आ रहा है। जिस ठेका और कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का विरोध महासंघ और संघ लगातार कर रहा है उसका मुख्य कारण यह है कि कार्यदायी संस्था या ठेकेदार जो मानदेय उक्त कार्मिकों के नाम से सरकार से ले रहा है उसका तीस से चालीस प्रतिशत कमीशन वह स्वंय अधिकारियों से के साथ मिलकर डकार रहा है। उन्होंने कहा कि लम्बित समस्याओं के संदर्भ में लगातार मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव स्तर पर प्रत्यावेदन प्रस्तुत करने के बावजूद किसी तरह का कोई निर्णय या वार्ता न होने के कारण महासंघ ने प्रान्तीय बैठक के उपरान्त आन्दोलन का निर्णय लिया है। उन्होंने 21 सूत्रीय मांगों में से मुख्य मांगों पर चर्चा करते हुए बताया कि चतुर्थ श्रेणी समूह ‘‘घ’’ की सीधी भर्ती अविलम्ब शुरू कराई जाए। चतुर्थ श्रेणी संवर्ग में आउट सोर्सिग एवं संविदा व्यवस्था तत्काल समाप्त कर आउट सोर्सिग एवं ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किया जाए। समस्त विभागों में दैनिक वेतन/ वर्कचार्ज से नियमित कयिे गए कर्मचारियों को पूर्व में की गयी सेवा को जोड़कर पेंशन ग्रेच्युटी तथा वेतन संरक्षण का लाभ दिया जाए। नई पेंषन नीति को तत्काल समाप्त करते हुए पुरानी पेंषन व्यवस्था बहाल की जाए। वेतन संषोधन उच्चीकरण के अन्तर्गत 5200-20200 ग्रेड वेतन रूपये 1800 के स्थान पर प्रदेष के चतुथे श्रेणी कार्मिकों को 5200-20200 ग्रेड वेतन 1900 दिया जाए। पंचायती राज के अधीन कार्यरत पंचायत सफाई कर्मचारियों को ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर पदोन्नति दी जाए।