स्वामी चक्रपाणि ने दिनेश शर्मा के बयान को बताया जगतजननी का अपमान
नई दिल्ली: संत महासभा और अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने सूबे के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा द्वारा माता सीता को टेस्ट ट्यूब बेबी बताना जगतजननी का अपमान हैं.
स्वामी चक्रपाणि ने डिप्टी सीएम के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बयान है. यह माता सीता की है अपमान नहीं बल्कि सनातन धर्म का भी अपमान है. उन्हें समझाना चाहिए कि जगतजननी मां सीता का जन्म भौतिक उपकरणों से नहीं हुआ वह अवतरित हुई थीं और वह मां लक्ष्मी की अवतार थीं.
स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि इनको समझना चाहिए कि जब अलौकिक सत्ता से आत्म सत्ता जुड़ जाता है तो सर्व ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है. जब अध्यात्मिक चेतना आत्म चेतना से जुड़ जाती है तो सर्व ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है. इसलिए इनको समझना चाहिए कि ये विज्ञान नहीं पराविज्ञान है. विज्ञान जहां ख़त्म होता है परा विज्ञान वहां से शुरू होता है. तो यह कम आंकना हुआ जहां अध्यात्म शुरू हो जाता है वहां भौतिक उपकरणों की जरुरत नहीं होती.
स्वामी चक्रपाणि कहते हैं कि जन्मांध कवि सूरदास ने जिस तरह से भगवन श्रीकृष्ण के रूपों का वर्णन किया है वह कोई आंख वाला भी नहीं कर सकता. तो क्या यह मान लें कि कोई ऐसा चश्मा था जिससे उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को देखा. नहीं, वह अलौकिक सत्ता से जुड़े हुए शख्स थे. जिन्होंने आंख न होते हुए भी भगवान श्रीकृष्ण को देख लिया.
स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि बीजेपी के नेता और उपमुख्यमंत्री होते हुए ऐसा बयान देना दुखद है. वे इस बयान से युवाओं को गुमराह करने का काम कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने क्षेत्रीय स्किल प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में कहा कि भारत देश में तकनीक काफी पहले से मौजूद है. महाभारत और रामायण काल से ही भारत को टेक्नोलॉजी संपन्न देश बताया. उनका कहना था कि लाइव टेलीकास्ट से लेकर टेस्ट ट्यूब बेबी जैसी तकनीक का उदहारण रामायण और महभारत में देखने को मिलता है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि जिस तरह कुरुक्षेत्र में हो रही महाभारत के युद्ध का सजीव वर्णन संजय ने हस्तिनापुर के महल में बैठकर किया, वही आज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का लाइव टेलिकास्ट है. आज अगर हम विमान की बात करते हैं तो राम जी के समय में पुष्पक विमान हुआ करता था.
इसी तरह सीता जी का जन्म एक घड़े से होने का भी जिक्र है. जो आज की टेस्ट ट्यूब बेबी टेक्नोलॉजी रही होगी. जनक जी के हल चलाने पर जमीन से एक घड़ा निकला और उसमें सीता जी निकलीं. वह कहीं न कहीं टेस्ट ट्यूब बेबी जैसी टेक्नोलॉजी रही होगी.