नई दिल्ली; : केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से मंगलवार को वार्ता का प्रस्ताव मिलने के बाद अलगाववादियों ने कहा कि कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस शांति प्रक्रिया से जुड़ने को तैयार है बशर्ते भारतीय नेतृत्व को एक सुर में जम्मू कश्मीर के बारे में बोलना होगा।

कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी के हैदरपुरा आवास पर मैराथन चली बैठक के बाद ज्वाइंट रेसिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) की तरफ से एक बयान जारी कर ये कहा गया- “भारत सरकार इस बात को स्पष्ट करे कि वह क्या बात करना चाहती है और एक आवाज़ में बोले। हम इस प्रक्रिया से जुड़ने को तैयार हैं।”

हुर्रियत चेयरमैन मीरवाइज उमर फारुक और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन यासीन मलिक भी इस बैठक में मौजूद थे। सैयद गिलानी इस अलगाववादी हुर्रियत धरा का नेतृत्व कर रहे थे।

जेआरएल ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का होना बहुत आवश्यक है और सभी पक्ष यह सुनिश्चित करे कि जो वादे किए जाएंगे उस पर अमल किया जाएगा।

इससे पहले, शनिवार को कन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि केन्द्र हुर्रियत से वार्ता को तैयार था बशर्ते उसके नेता आगे आए। हाल के समय में ऐसा पहली बार है जब अलगाववादी नेताओं ने केन्द्र के साथ वार्ता से पहले किसी तरह की शर्त नहीं रखी है।