लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज रवीन्द्रालय में अखिल भारतीय आदर्श चौरसिया महासभा उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में आयोजित महासम्मेलन का उद्घाटन दीप प्रज्वलित करके किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मेघालय के राज्यपाल श्री गंगा प्रसाद चैरसिया ने की। इस अवसर पर पूर्व मंत्री कैलाश नाथ चौरसिया, महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुनंदन कुमार चौरसिया, महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रिशी चौरसिया सहित विभिन्न जनपदों एवं प्रदेशों से आये प्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न धर्म, वेश, भाषा के लोग मिलजुल कर रहते हैं। विविधता के बावजूद सभी एक देश के नागरिक हैं। सभी समुदाय के लोग मिलकर राष्ट्र को आगे ले जाने का कार्य करें। विश्व के सबसे बड़े जनतांत्रिक देश के सभी नागरिकों को संविधान शिल्पी बाबासाहेब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर ने समान अधिकार दिये हैं। उत्तर प्रदेश की आबादी 22 करोड़ है। विश्व के केवल तीन देश आबादी के लिजाह से उत्तर प्रदेश से बड़े है। उन्होंने कहा कि सब मिलकर समाज को जागृत करें और देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लें।

श्री नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश बदल रहा है। गत फरवरी में सम्पन्न ‘इंवेस्टर्स समिट’ में जिस तरह का निवेश उत्तर प्रदेश में आया है वह इस बात का द्योतक है कि निवेशकों का उत्तर प्रदेश में विश्वास बढ़ा है। केवल 28 राज्य विश्वविद्यालयों से 15.60 से अधिक छात्र-छात्राओं ने उपाधि प्राप्त की हैं। शिक्षित मानव संसाधन के रूप में यह देश के लिये बहुत बड़ी पूंजी है। इस पूंजी का लाभ उठाने के लिये युवा वर्ग को उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है।

चौरसिया समाज ने राज्यपाल की पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ के लिये उनका सम्मान भी किया। राज्यपाल ने सम्मान के लिये चैरसिया समाज का आभार व्यक्त करते हुये बताया कि वे कैसे एक छोटे से गाँव में शिक्षा प्राप्त करके मंुबई आये, सरकारी नौकरी की, समाज सेवा के लिये नौकरी से त्याग पत्र दिया, संघ के लिये काम किया तथा मुंबई शहर से लगातार तीन बार विधायक और पांच बार सांसद रहे, बाद में केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री रहे और अब उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद का दायित्व निभा रहे हैं। उन्होंने पुस्तक में लिखे अपने संस्मरण की कहानी बताते हुये चरैवेति को सफलता का मंत्र बताया।

मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया ने कहा कि समाज के सभी वर्ग साथ मिलजुल कर चलें तथा समाज के हित के लिये संघर्ष करें। समाज सेवा करने से पहचान मिलती है। उन्होंने महाराणा प्रताप और भामाशाह का उल्लेख करते हुये कहा कि राष्ट्र के लिये काम करें ताकि देश फिर से विश्व गुरू बन सके। गांव और किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करें। उन्होंने कहा कि सामाजिक दायरा बढ़ाते हुए मिलजुल कर चलने का अपना लाभ है।