नवीन-अनुसंधान के व्यवसायीकरण के लिए नीतियों को सक्षम बनाना ज़रूरी: डॉ जितेंद्र एन. वर्मा
लखनऊ: सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ ने तकनीकी उपलब्धियों और उन्नति को चिह्नित करने के लिए आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया। इस अवसर पर डॉ जितेंद्र एन. वर्मा, संस्थापक निदेशक, लाइफकेयर इनोवेशन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, और पद्मश्री डॉ नित्य आनंद इस समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। निदेशक, प्रोफेसर आलोक धावन ने अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और इस वर्ष के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह की थीम (विषय) "एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी" के बारे में जानकारी दी ।
इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ जितेंद्र ने कहा, नवाचार, अनुसंधान और विकास को व्यवसायीकरण के अनुकूल बनाने के लिए नीतियों को सक्षम (सशक्त) करने की आवश्यकता है। देश के विकास के लिए प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण है। हमें न केवल आर्थिक विकास के लिए बल्कि सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना चाहिए और इसके लिए हमें नवीनता, अनुसंधान और विकास के उचित व्यवसायीकरण की आवश्यकता है जो हमें एक स्थायी उन्नत भविष्य की ओर अग्रसर कर सकता है। उन्होंने व्यवसायीकरण के अनुकूलन के लिए आवश्यक कई महत्वपूर्ण कारकों को समझाया। साथ ही आगे कहा कि, हमें रेगुलेटरी (विनियामक) नियमों को और अधिक स्पष्ट एवं सरल बनाने तथा उद्यमियों के अनुकूल नीतियों के विषय में सोचना होगा । हमें व्यापार बाधाओं को कम करते हुए पर्याप्त निर्बाध वित्त-पोषण (फंडिंग), स्मार्ट पेटेंटिंग रणनीति को बढ़ावा देना होगा। उत्पाद विकास की मूल कुंजी, एक टीम के रूप में काम करना है इसके लिए हमें अपने देश के लिए काम करने के जज्बे से काम करना होगा।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में, पद्मश्री डॉ नित्य आनंद ने कहा, नई प्रौद्योगिकियों और वैज्ञानिक उत्कृष्टता को अपनाने से आर्थिक परिवर्तनकाल के दौर में इस से नई दिशा नए शिखर मिले हैं और यह नए भारत में समाज को सशक्त बना रहा है। इसलिए, छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में रुचि और जागरूक बनाने की आवश्यकता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस देश के युवाओं को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने का एक शानदार तरीका है और वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं की सराहना करने का तरीका भी है, जो भारत की बढ़ती तकनीकी दक्षता के पुरोधा हैं।
कार्यक्रम में बाद में डॉ मृदुला कंबोज इनोवेशन अवॉर्ड-2017 के पुरस्कार विजेताओं, डॉ अतुल गोयल और डॉ दिव्या सिंह ने अपने अपने अवार्ड ऑरेशन (व्याख्यान) प्रस्तुत किए। उन्हें ये अवार्ड उनके नए एवं अभिनव शोध जो अस्थि में एनाबोलिक और एंटी-रिसोर्प्टिव एजेंट की दोहरी भूमिका के माध्यम से हड्डी के फ्रैक्चर के उपचार में तेजी लाता है, के लिए प्रदान किया गया था । डॉ वी पी कंबोज, पूर्व निदेशक, सीएसआईआर-सीडीआरआई ने डॉ मृदुला कंबोज इनोवेशन अवॉर्ड-2017 ऑरेशन समारोह की अध्यक्षता की।