योगी के मंत्री की पीड़ा, पिछड़ी जाति का होने की वजह से नहीं मिलता सम्मान
लखनऊ: भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश के पिछड़ा वर्ग व दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने खुद को कैबिनेट मंत्री होते जातीय द्वेष भावना का शिकार बताया. योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अधिकारियों द्वारा गॉड ऑफ ऑनर न दिए जाने की वजह से नाराजगी जताई है.
राजभर का आरोप है कि उन्हें सिर्फ पिछड़ी जाति का होने की वजह से गॉड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया. राजभर ने कहा कि वह जाति व्यवस्था के शिकार हुए हैं, इसलिए उन्हें कहीं भी भागीदारी नहीं मिल पा रही है. यह सब उसी का खेल है.
कैबिनेट मंत्री राजभर ने कहा, "अगर कोई राजपूत या ब्राह्मण होता तो यही अधिकारी दुम हिलाते हुए उनके साथ खड़े होते और सारी व्यवस्था करते."
बहराइच के मिही पुरवा में पार्टी कार्यकर्ता की शादी समारोह में शामिल होने के लिए राजभर पहुंचे थे.
बीजेपी सरकार की आरक्षण नीति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार आरक्षण खत्म करना चाहती है. उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का हवाला देते हुए कहा कि बीएचयू में 1200 वैकेंसी निकाली गईं लेकिन उसमें आरक्षण नहीं दिया गया है. इसका कारण है कि अलग-अलग विभागों में 4-5 खंड कर किसी में दो किसी में तीन वैकेंसी निकाली गई हैं. जब 1200 वैकेंसी निकली है तो मेरा कहना है कि इसमें 22 पर्सेंट और 27 परसेंट आरक्षण होना चाहिए. जबकि ऐसा नहीं है.
राजभर ने कहा कि बैक डोर से आरक्षण खत्म करने की साजिश रची जा रही है. और यह सरकार के इशारे पर किया जा रहा है. हम सरकार में शामिल हैं. मायावती जो कर रही हैं उन्होंने जो पढ़ा है, उसके हिसाब से ठीक है और जो हमने पढ़ा है, उसके हिसाब से हमारा भी ठीक है.
उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती को बेहतर मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उनके जिले और मंडल दौरों के दौरान अधिकारी हनुमान चालीसा देर रात से पढ़ने लगते थे.