दलितों के घर भोजन को आरएसएस प्रमुख ने ड्रामा क़रार दिया
नई दिल्ली: दलितों को रिझाने के लिए बीजेपी नेताओं के उनके घर खाना खाने को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने 'ड्रामा' करार दिया है. बीजेपी नेताओं की इस हरकत की उन्होंने कड़ी आलोचना की है. अंग्रेजी अखबर डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में आरएसएस और वीएचपी नेताओं के कार्यक्रम में भागवत ने नेताओं से दलितों के घर खाना खाने का 'ड्रामा' बंद करने के लिए कहा. उन्होंने नसीहत दी कि इससे बेहतर होगा कि समाज के कमजोर वर्ग के लोगों से बातचीत की जाए.
भागवत का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब SC/ST एक्ट में बदलाव से नाराज दलितों को मनाने के लिए बीजेपी नेता अभियान चला रहे हैं. कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा कई मौकों पर दलितों के घरों का दौरा कर चुके हैं.
उनका अनुसरण करते हुए एक महीने के अंदर अन्य राज्यों में भी बीजेपी के विधायक और सांसद दलितों के घर जा चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट कमे मुताबिक भागवत ने कहा कि दलितों के घर खाना लेकर पहुंचना, मीडिया को बुलाना… ये सब महज पब्लिसिटी स्टंट हैं. उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें नियमित रूप से दलितों से बातचीत और मुलाकात करनी चाहिए.
वेस्टर्न यूपी की एक ऐसी ही घटना पर विवाद खड़ा हो गया है. खबरें आई कि राज्य के मंत्री सुरेश राणा अपने साथ अपना खाना और पानी लेकर दलित के घर पहुंचे थे.
आरएसएस भी पांच साल से सोशल इक्वालिटी को लेकर अभियान चला रही है. आरएसएस अपने कार्यकर्ताओं से कहती है कि हर गांव में एक मंदिर, एक श्मशान और पानी के लिए काम करे. पिछले दिनों यूपी कैबिनेट के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा था कि दलितों के घर जाकर वह उन्हें तृप्त करते हैं.
इसके बाद केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बुधवार को कहा था कि वह खुद को राम नहीं समझती जो उनके साथ खाना खाने से दलित पवित्र हो जाएंगे. भारती ने कहा था, “मैं खुद को राम नहीं समझती जो मेरे दलितों के घर खाना खाने से वे पवित्र हो जाएंगे. उल्टे मुझे लगता है कि दलितों को खाना खिलाने के लिए मुझे उन्हें अपने घर आमंत्रित करना चाहिए.”