लखनऊ: मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड आॅफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डाॅ. मुईन अहमद मम्मू ने आज कहा कि कुछ तथाकथित मुस्लिम नेता अपने निजी स्वार्थ के लिए अपने ही धर्म का विरोध करते हैं। उन्होंने मुस्लिम नेता वसीम रिजवी और बुक्कल नवाब जैसे अवसरवादी लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए पूरी कौम को बदनाम करते हैं। इन्हें किसी के धर्म से कोई मतलब नहीं है। ऐसे लोग अपना फायदा देखते हुए कुछ भी करने को राजी रहते हैं। वसीम रिजवी जिन मदरसों में जाकर लाभ लेते थे, आज उन्हीं मदरसों में आतंकी पैदा होने की बात कहते हुए धर्म को बदनाम कर रहे हैं। डाॅ. मुईन ने कौम के लोगों से अपील की कि वह ऐसे अवसरवादी और लालची लोगों का सामाजिक बहिष्कार करें। साथ ही डाॅ. मुईन अहमद ने बताया कि मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड आॅफ इंडिया की राश्ट्रीय कमेटी का गठन 25 जून, 18 तक किया जाएगा।

यूपी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता को बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष हजरत मौलाना कारी यूसुफ अजीजी ने कहा कि इस्लाम कट्टरता का धर्म नहीं है, बल्कि शान्ति सौहार्द्ध समता व इंसानियत से परिपूर्ण धर्म ही इस्लाम है। मुस्लिम समुदाय कट्टरता, अतिवाद का समर्थन नहीं करता है, पर प्रायोजित विचारधारा विशेष द्वारा स्थापित व नियंत्रित कथित संगठनों व उनके अतिवादी सोच के कारण मुस्लिम समुदाय विकास की दौड़ में लगातार पिछड़ता जा रहा है।

पिछले लंबे समय से अहले सुन्नी वल जमाअत व सूफीवाद में विश्वास रखने वालों ने यह महसूस किया कि आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड 80 फीसदी मुस्लिम समुदाय की रहबरी नहीं कर रहा है। चाहे शरीअत का मामला हो, मस्जिद का मामला, तीन तलाक या दलित मुस्लिम आरक्षण का। सभी मामलों में नजरअंदाज कर सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए कुछ लोगों का बोर्ड है। ऐसी स्थिति में मुस्लिम वर्ग के पीराने तरीकत उलमा-ए-इकराम हुफ्फाज, मुफ्तिआन, कुर्रा, आएमा, सोशल एक्टीविस्ट आपस में संपर्क कर इस निर्णय पर पहुंचे कि अहले सुन्नी वल जमाअत अपनी किदायत खुद करे और सारे मुसलमानों की नुमाइंदगी करे। इसी संदर्भ में दिल्ली के टूरिस्ट होटल के सभागार में 17 मार्च 2018 को हिन्दुस्तान भर से आए हुए उलमाओं के द्वारा हजरत मौलाना कारी यूसुफ अजीजी को सर्वसम्मति से मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड आॅफ इंडिया का राश्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया एवं राष्ट्रीय महासचिव डाॅ. मुईन अहमद मम्मू को बनाया गया। बोर्ड का संरक्षक हजरत मौलाना अबुल इरफान फरंगी महली और हजरत मौलाना कारी गुलाम जिलानी को बनाया गया।
हजरत मौलाना सैययद आरिफ मियां नक़्शबन्दी ने कहा कि शरीअत में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड शरीअत और इस्लाम के प्रति अपने समाज में बेदारी और जागरूकता पैदा करेगा। ताकि समाज में फैली कुरितियों को दूरी किया जा सके।
हजरत मौलाना मुफ्ती साबिरूल कादरी ने कहा कि इस्लाम में किसी तरह की दहशतगर्दी या अतिवाद के लिए जगह नहीं है। मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड आॅफ इंडिया किसी भी तरह की दहषतगर्दी का कड़ा विरोध करता है।
हजरत मौलाना शाह मोहम्मद अली उर्फ शब्बू मियां सज्जादा नशीं शेखुल आलम रूदौली शरीफ ने कहा कि दलित मुस्लिम आरक्षण वक्त की जरूरत है। इसके लिए जनआंदोलन चलाकर संविधान की धारा 341 से धार्मिक प्रतिबन्ध को हटाने के लिए कटिबद्ध है, ताकि मुस्लिम समाज को मुख्य धारा में लाया जा सके।
प्रेसवार्ता में हजरत मौलाना रजीउरर्रहमान झांसी, हजरत मौलाना गुलाम सरवर दिल्ली, हजरत मौलाना गुलाम जिलानी, हजरत मौलाना अबुल फरंगी महली, हजरत मौलाना शहरूल कादरी आसाम, मो. जावेद खां, मो. रियाजुद्दीन आदि मौजूद रहे।