भदोही: बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी शराबबंदी को सियासी मुद्दा बनाए जाने के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि लाखों लोगों की रोजी-रोटी से जुड़े होने की वजह से इस मामले पर कोई भी निर्णय इतनी जल्दी नहीं लिया जा सकता। मुख्यमंत्री ने भदोही में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में एक सवाल पर कहा कि शराबबंदी पर कोई भी निर्णय इतनी जल्दी नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने कहा, 'शराब के व्यवसाय से बहुत लोग जुड़े होते हैं। गन्ना किसान जुड़े है, हजारों दुकानें हैं और लाखों लोगों की रोटी इससे जुड़ी है। इसलिए इस पर कोई भी निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जा सकता। हम अभी सिर्फ इतना कह सकते हैं कि लोगों को शराब कम पीनी चाहिए। मालूम हो कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद वहां सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में इसे प्रमुख मुद्दा बना रही है।
इसके पूर्व, सुबह आई तेज़ आंधी और बारिश की वजह से तय वक़्त से करीब डेढ़ घंटा देर से जनसभा स्थल पहुंचे अखिलेश ने बसपा अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को निशाने पर लेते हुए कहा 'बुआजी ने पत्थर और स्मारक बनवाकर धन की बर्बादी की। उन्होंने प्रदेश को बर्बाद कर दिया।' भदोही को लगभग 413 करोड़ की 76 परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास की सौगात देने वाले अखिलेश ने कहा कि विकास के मामले में उनकी सरकार से कोई भी सरकार मुकाबला नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि जब वह साइकिल चलाकर मिर्जापुर से भदोही आए थे तभी तय कर लिया था कि हर जिला मुख्यालय को सड़कों से जोड़ा जाएगा। अभी चार साल में तो महज शुरुआत हुई है।
अखिलेश ने कहा कि सरकार अब ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि कोई घटना होने पर सिर्फ एक फोन कॉल पर मात्र पंद्रह मिनट के अंदर पुलिस मौके पर पहुंच जाएगी। सरकार इसी साल अक्टूबर से क़ानून-व्यवस्था में बड़ा बदलाव करने जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह विदेश में पुलिस को त्वरित गति से पहुंचते हुए दिखाया जाता है, ठीक उसी तरह प्रदेश की पुलिस भी अब 15 मिनट में कहीं भी पहुंचेगी। इसके लिए वाहनों की व्यवस्था की जा रही है।